newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

सरकार ने जारी किया सख्त आदेश, इस दवा का आसानी से नहीं हो सकेगा निर्यात

मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा हाइड्रोक्सिक्लोरोक्वीन के निर्यात पर सरकार ने पाबंदी और सख्त कर दी है। यह रोक देश में कोरोनावायरस के संक्रमण के कारण परिस्थिति बिगड़ने की आशंकाओं को देखते हुए लगाई जा रही है।

नई दिल्ली। मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा हाइड्रोक्सिक्लोरोक्वीन के निर्यात पर सरकार ने पाबंदी और सख्त कर दी है। यह रोक देश में कोरोनावायरस के संक्रमण के कारण परिस्थिति बिगड़ने की आशंकाओं को देखते हुए लगाई जा रही है। इससे देश में जरूरी दवाओं की कमी नहीं होगी।

विदेशी व्यापार महानिदेशालय ने एक अधिसूचना में कहा कि हाइड्रोक्सिक्लोरोक्वीन तथा इससे बनने वाली अन्य दवाओं का निर्यात अब सेज से भी नहीं हो सकेगा, भले ही इसके लिये पहले मंजूरी दी जा चुकी हो अथवा भुगतान किया जा चुका हो। निर्यात पर बिना किसी छूट के पाबंदी रहेगी।

बता दें कि सीमा शुल्क नियमों के मामले में सेज को विदेशी निकाय माना जाता है। इस वजह से निर्यात पर रोक के आदेश आम तौर पर सेज पर लागू नहीं होते हैं। सरकार ने घरेलू बाजार में उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए हाइड्रोक्सिक्लोरोक्वीन के निर्यात पर 25 मार्च को रोक लगाने की घोषणा की थी।

भारत ने पिछले महीने इस दवा के निर्यात पर रोक लगा दी थी। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा के ऑर्डर की आपूर्ति करने का आग्रह किया है। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से बात कर अमेरिका के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के ऑर्डर की आपूर्ति करने का आग्रह किया।

aspirin medicine

अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, ‘मैंने प्रधानमंत्री मोदी से बात कही। वे बड़ी मात्रा में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन बनाते हैं। भारत इस पर गंभीरता से विचार कर रहा है।’ बता दें कि अब तक कोरोनावायरस से अमेरिका में 8,000 से अधिक मौत और तीन लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो गए हैं। साथ ही अमेरिका इससे सबसे अधिक प्रभावित देश के तौर पर उभरा है। इस वायरस का अब तक कोई इलाज नहीं मिल पाया है।