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Morbi Bridge Collapse: प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक हादसे से पहले मोरबी पुल के केबल्स को पकड़कर झूल रहे थे लोग, एक Video में दिख रही भीड़

मोरबी का ये पुल साल 1880 में बना था। मच्छू नदी पर बने इस पुल को मरम्मत के लिए 7 महीने तक बंद रखा गया था। 5 दिन पहले ही पुल को दोबारा खोला गया था। झूला पुल होने की वजह से यहां काफी टूरिस्ट आते थे। रविवार को छुट्टी का दिन होने की वजह से सुबह से ही यहां भीड़भाड़ थी। अफसरों ने लोगों को चेताया भी था।

मोरबी पुल टूटकर गिरने के बाद ऐसा दिख रहा था

मोरबी। गुजरात के मोरबी में मच्छू नदी पर बने झूला पुल के टूटने से मरने वालों की तादाद 140 को पार कर गई है। 80 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं। नदी में जलकुंभी की वजह से उसमें फंसकर ज्यादातर लोगों के डूब जाने की आशंका है। बचावकर्मी रविवार से ही लापता लोगों को तलाशने का काम कर रहे हैं। इस बीच, घटना के कारणों की वजह प्रत्यक्षदर्शियों के बयान से सामने आ रही है। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि मोरबी का झूला पुल टूरिस्ट प्लेस था। हर रोज यहां लोग आते थे। इस प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि रविवार को काफी भीड़ थी। उसके मुताबिक लोग पुल के केबल्स को पकड़कर झूला झूल रहे थे। जब अचानक पुल गिर गया।

वहीं, विजय पटेल नाम के फैक्ट चेकर ने भी एक वीडियो अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है। इस वीडियो में तमाम लोग पुल पर चढ़े दिख रहे हैं। वीडियो में ये भी दिख रहा है कि कुछ युवा मोरबी पुल के केबल्स को लात मार रहे हैं। विजय का दावा है कि ये वीडियो हादसे से कुछ देर पहले का है। फैक्ट चेकर ने ये दावा भी किया है कि पुल पर चढ़े कुछ लोग उसे जोर-जोर से हिला रहे थे।

बता दें कि मोरबी का ये पुल साल 1880 में बना था। मच्छू नदी पर बने इस पुल को मरम्मत के लिए 7 महीने तक बंद रखा गया था। 5 दिन पहले ही पुल को दोबारा खोला गया था। झूला पुल होने की वजह से यहां काफी टूरिस्ट आते थे। रविवार को छुट्टी का दिन होने की वजह से सुबह से ही यहां भीड़भाड़ थी। एक प्रत्यक्षदर्शी ने ये भी बताया कि पुल का मैनेजमेंट देखने वाली निजी कंपनी के अफसरों ने लोगों को चेताया भी था कि पुल पुराना है और क्षमता से ज्यादा के चढ़ने से वो गिर भी सकता है। बता दें कि पुल की क्षमता 100 लोगों की थी, लेकिन हादसे के वक्त उसपर 400 से 500 लोगों के होने की बात कही जा रही है। हालांकि, हादसे की असली वजह जांच से ही सामने आएगी। पुलिस ने इस मामले में निजी कंपनी पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कर लिया है। गुजरात सरकार ने जांच के लिए कमेटी भी बना दी है।