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Uttarakhand Tunnel Rescue: उत्तराखंड की सुरंग में फंसे मजदूरों के बारे में सोशल मीडिया पर तैर रही हैं फर्जी खबरें, डीजीपी ने सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी, सीएम धामी ने भी कही ये बड़ी बात

धामी के ताजा पोस्ट से लग रहा है कि जल्दी ही सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकाल लिया जाएगा। सुरंग के ऊपर से भी वर्टिकल ड्रिलिंग चल रही है। वहीं, सुरंग के भीतर रैट माइनर्स हाथों से मलबा हटाकर 800 मिलीमीटर की पाइपलाइन को मजदूरों तक सरका रहे हैं।

उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित सिलक्यारा सुरंग में 41 मजदूर पिछले 17 दिन से फंसे हैं। इनको निकालने के लिए हर तरह की कोशिश दिन और रात की जा रही है। इस बारे में फर्जी खबरें भी सोशल मीडिया में तैरने लगी हैं। उत्तराखंड पुलिस ने अब ऐसी भ्रामक खबरों के बारे में प्रचार करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने की बात कही है। जिस भ्रामक और असत्य खबर पर उत्तराखंड पुलिस के डीजीपी अशोक कुमार ने कार्रवाई की चेतावनी दी है, उसमें एक मजदूर को दिखाया गया है। डीजीपी अशोक कुमार ने कहा है कि ये आधारहीन और झूठी खबर है। सिलक्यारा सुरंग में ऐसा कोई मजदूर नहीं फंसा है। इसे शेयर करने पर कठोर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

उधर, सिलक्यारा सुरंग में मजदूरों के बचाव कार्य को देखने के लिए उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी एक बार फिर मौके पर पहुंचे हैं। धामी ने सुरंग के बाहर स्थित बौखनाग देवता के मंदिर को प्रणाम किया और फिर एक्स पर लिखा कि उन्होंने मजदूरों का कुशलक्षेम जाना और उनसे संपर्क में बने रहने के लिए कहा है। धामी ने बताया है कि सुरंग में फंसे सभी 41 मजदूर सकुशल हैं। उत्तराखंड के सीएम ने कहा है कि उन्होंने बाबा बौखनाग से आशीर्वाद मांगा की जल्दी ही मजदूरों को सकुशल निकाला जा सके। धामी के मुताबिक बचाव दल अब मजदूरों से 5 मीटर की दूरी पर हैं।

धामी के ताजा पोस्ट से लग रहा है कि जल्दी ही सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकाल लिया जाएगा। सुरंग के ऊपर से भी वर्टिकल ड्रिलिंग चल रही है। वहीं, सुरंग के भीतर रैट माइनर्स हाथों से मलबा हटाकर 800 मिलीमीटर की पाइपलाइन को मजदूरों तक सरका रहे हैं। जहां से भी संभव होगा इन मजदूरों को निकाला जाएगा। इससे पहले अमेरिकी ऑगर मशीन मलबा खोदने में खराब हो चुकी है। सिलक्यारा सुरंग में 12 नवंबर को तड़के धंसाव होने से 60 मीटर दायरे में मलबा भर गया और मजदूर इसके पीछे फंस गए थे। ये मजदूर 8 राज्यों के हैं। कई मजदूरों के परिजन भी मौके पर हालचाल लेने आए हैं। उनको भी उत्तराखंड सरकार हर संभव मदद दे रही है।