नई दिल्ली। बिहार की राजनीति में अभी जातिगत जनगणना को लेकर चर्चाओं का बाजार गुलजार है। कोई इसका विरोध कर रहा है, तो कोई समर्थन। उधर, यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है। जिस पर अभी तक अंतिम निर्णय नहीं आया है, लेकिन अब इस मसले पर पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने आज पटना में एक पुस्तक के विमोचन के दौरान अपना बयान जारी किया है। आइए, आगे आपको बताते हैं कि उन्होंने क्या कुछ कहा है?
दरअसल, लालू प्रसाद यादव ने जातिगत जनगणना का जिक्र कर कहा कि, ‘हम राज्य में जातिगत जनगणना कराने की योजना बना रहे हैं। लेकिन पता नहीं क्यों केंद्र की मोदी सरकार इसे नफरत भरी निगाहों से देख रही है। बिहार सरकार प्रदेश की जातिगत आर्थिक स्थिति का पता लगाने के लिए जातिगत जनगणना कराने की योजना बना रही, लेकिन बीजेपी इसका विरोध कर रही है। वहीं, केंद्र ने हमारी इस योजना पर अंकुश लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रूख किया, लेकिन कोर्ट ने बिहार सरकार के पक्ष में ही फैसला सुनाया। अभी प्रदेश में जातिगत जनगणना जारी है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार प्रदेश में आर्थिक नीति बनाने पर विचार कर रही है, जिसे ध्यान में रखते हुए हम जातिगत जनगणना करने पर विचार कर रहे हैं, लेकिन इसका विरोध किया जा रहा है, जो कि उचित नहीं है। बता दें कि लालू यादव ने पटना में कॉस्ट प्राइड नामक पुस्तक के विमोचन के दौरान उक्त बातें कहीं।
ध्यान दें, इससे पहले सीएम नीतीश कुमार ने भी जातिगत जनगणना पर बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि जातिगत जनगणना पूरे देश के लिए रोल मॉडल बनेगा। इन आंकड़ों को सार्वजनिक किया जाएगा, मगर केंद्र सरकार इस पर रोड़ा अटकाने की कोशिश कर रही है, जो कि उचित नहीं है। फिलहाल, अब आगामी दिनों में इस पूरे मामले में क्या कुछ कार्रवाई की जाती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।