newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Farmers Protest: किसान आंदोलन को पूरे हुए 6 महीने, आज काला दिवस के लिए किसानों का आह्वान, दिल्ली पुलिस भी अलर्ट

Farmers Protest: संयुक्त किसान मोर्चा के ‘काला दिवस’ को देश के 14 प्रमुख विपक्षी दलों का साथ मिला है। जिसमें कांग्रेस, झामुमो, जेकेपीए, शिवसेना, DMK, सपा, BSP, आरजेडी, CPI, JDS, एनसीपी, टीएमसी, सीपीएम और आम आदमी पार्टी भी है।

नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों को लेकर किसानों के विरोध प्रदर्शन को आज 6 महीने पूरे हो गए हैं। ऐसे में किसानों ने आज काला दिवस मनाने का आह्वान किया है। बता दें कि काला दिवस को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने देशवासियों से समर्थन की मांग की है। सयुंक्त किसान मोर्चा ने आज मोदी सरकार के विरोध स्वरूप काले झंडे लगाने का फैसला किया है। देशवासियों से अपनी अपील में विरोध कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि, लोग अपने घरों और वाहनों पर काला झंडा लगाएं और मोदी सरकार के पुतले जलाएं। किसानों के इस आह्वान के मद्देनजर दिल्ली पुलिस भी सतर्क हो गई है। किसानों के काला दिवस मनाने को लेकर दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता चिन्मय बिस्वाल ने कहा, “हमने किसानों से अपील की है कि जिस तरह कोरोना में दुर्दशा हुई और बदतर हालात में लोगों की जान गई है, उसे देखते हुए कोई कार्यक्रम करने या भीड़ जुटने के कारण वो स्थिति फिर से पैदा न करें। उन्होंने कहा कि, लोगों को प्रदर्शन करने या भीड़ करने की इजाजत नहीं है।”

farmer protest

ना मानने वालों को लेकर चिन्मय बिस्वाल ने कहा, “यदि कोई व्यक्ति कोरोना नियमों को तोड़ने का प्रयास करेगा या फिर गैरकानूनी काम करेगा तो उसके साथ हम सख्ती निपटेंगे और कार्रवाई करेंगे। दिल्ली पुलिस के जवानों को सीमाओं पर, यानी धरनास्थलों पर सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है। इसके अलावा, हमने एहतियातन सुरक्षा और बढ़ाई है।”

बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा के ‘काला दिवस’ को देश के 14 प्रमुख विपक्षी दलों का साथ मिला है। जिसमें कांग्रेस, झामुमो, जेकेपीए, शिवसेना, DMK, सपा, BSP, आरजेडी, CPI, JDS, एनसीपी, टीएमसी, सीपीएम और आम आदमी पार्टी भी है। इसके साथ ही केंद्र सरकार को किसानों से वार्ता करने की मांग की है। दरअसल इससे पहले 21 मई को पीएम मोदी को संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने पत्र लिखकर तीन कृषि कानूनों पर बातचीत फिर से शुरू करने का आग्रह किया था। गौरतलब है कि संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से जारी ये विरोध प्रदर्शन 26 नवंबर 2020 से शुरु हुआ है, जोकि अभी भी जारी है।