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Farmers Protest: एक तरफ तेज होता किसान आंदोलन, दूसरी तरफ 20 राज्यों के किसानों ने कानून के समर्थन में कृषि मंत्री को लिखा पत्र

Farmers Protest: किसान दिवस के मौके पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने भी एक उच्च स्तरीय बैठक की और इसके बाद उन्होंने मीडिया से बताया कि KCC का विषय वाजपेयी जी के समय में आया था और उस समय किसान क्रेडिट कार्ड शुरू हुआ था, अभी तक 6 लाख करोड़ रुपये का ऋण प्रवाह कृषि क्षेत्र में होता था, मोदी जी ने इसे बढ़ाकर 15 लाख करोड़ रुपये किया।

नई दिल्ली। आज देश भर में किसान दिवस मनाया जा रहा है। एक तरफ किसान तीन कृषि कानूनों के विरोध में पिछले 28 दिनों से विरोध कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ लगातार कृषि कानूनों के समर्थन में भी किसान नेता, किसान संगठन और किसानों का समूह कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मिलकर इन कानूनों को अपना समर्थन दे रहे हैं। कृषि कानूनों के समर्थन में कई किसान संगठन आगे आए हैं इनमें से कई संगठनों ने कृषि कानून में संशोधन की मांग की है वहीं कई किसान संगठन इस बात को लेकर भी ज्ञापन सौंप चुके हैं कि कृषि कानूनों में संशोधन से किसानों की परेशानी बढ़ जाएगी ऐसे में इसमें किसी किस्म का संशोधन नहीं किया जाए।

Narendra Singh Tomar

इस सब के बीच किसान दिवस के मौके पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी एक उच्च स्तरीय बैठक की और इसके बाद उन्होंने मीडिया से बताया कि KCC का विषय वाजपेयी जी के समय में आया था और उस समय किसान क्रेडिट कार्ड शुरू हुआ था, अभी तक 6 लाख करोड़ रुपये का ऋण प्रवाह कृषि क्षेत्र में होता था, मोदी जी ने इसे बढ़ाकर 15 लाख करोड़ रुपये किया। कृषि मंत्री किसानों के जारी आंदोलन के बीच मीडिया के सामने ये आंकड़े रख रहे थे। उन्होंने आगे कहा कि मैं बैंकों को धन्यवाद देना चाहता हूं उन्होंने कोविड के दौरान मोदी जी के अभियान को गंभीरता से लिया और 1 करोड़ से ज्यादा नए किसानों को KCC के अंतर्गत लेकर आने का काम किया।


वहीं कृषि मंत्री ने आगे कहा कि कृषि सुधार की दृष्टि से MSP को परिभाषित करने की दृष्टि से कई बातें हम सभी के मन में हैं, किसान नेताओं और किसानों के मन में भी हैं। कुछ सुधार हुए हैं और बहुत से सुधार आने वाले समय में कृषि क्षेत्र में किए जाने हैं। मतलब साफ है कि सरकार की मनसा कृषि कानूनों में संशोधन करने की है ना कि उसे वापस लेने की, जबकि कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठन के नेता इन कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।


केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में ग्रामीण भारत के गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की गई। इस बैठक में देश के 20 राज्यों के 3,13,363 किसानों ने सरकार के तीन कानूनों के समर्थन में पत्र लिखा। इसे कृषि मंत्री को सौंपा गया। इसमें पंजाब के‌ 12,895 किसानों के समर्थन पत्र भी शामिल हैं। स्वयंसेवी संगठन सीएनआरआई (CNRI) ने सभी किसानों के समर्थन में पत्र एकत्र किए और मंत्रालय को सौंपे हैं। इसके बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि आज देश में दो स्थितियां हैं। एक कानून को समर्थन दे रहा है, जबकि दूसरा विरोध कर रहा है। आज जो टीम हमारे पास आई है और तीन लाख से ज्यादा किसानों के समर्थन पत्र कानून के समर्थन में CNRI ने सौंपें। मैं उन्हें विश्वास दिलाता हूं कि विभिन्न कोष उपलब्ध कराए जा रहे हैं। कृषि मंत्री ने आगे कहा कि हम सभी कमियों को दूर करने कि दिशा में काम कर रहे हैं। कोविड के दौरान भी खेती प्रभावित नहीं हुई है, उपज बेहतरीन हुई है।


वहीं इस मौके पर कृषि मंत्री ने कहा कि 25 दिसंबर को अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्मदिन भारत सरकार सुशासन दिवस के रूप में पूरे देश में मनाती है। इस बार सुशासन दिवस के मौके पर पीएम किसान सम्मान निधि के अंतर्गत 9 करोड़ किसानों के बैंक अकाउंट में 18,000 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए जाएंगे।

किसान नेताओं का है मानना, कृषि कानूनों में संशोधन ठीक नहीं, नरेंद्र सिंह तोमर से मिलकर सौंपा ज्ञापन

कई किसान संगठन इन तीन कृषि कानूनों के पक्ष में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मिलकर इसपर अपना समर्थन व्यक्त कर चुके हैं। हालांकि इन किसान संगठनों ने कृषि कानून में कुछ संशोधनों का सुझाव सरकार को दिया है। जिसे मानने को सरकार हर तरह से तैयार है।

लेकिन इस सब के बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मिलने किसानों का एक और दल पहुंचा था। जिसके बारे में खुद नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि ये किसान संगठन के नेता किसी भी हाल में कृषि कानूनों में किसी तरह का संशोधन नहीं चाहते हैं। इनके अनुसार इन कृषि कानूनों में संशोधन से किसानों का नुकसान होगा। वह जस-के-तस इन कृषि कानूनों को अंगीकार करना चाहते हैं।


आपको बता दें कि कुछ किसान संगठन के नेताओं ने आज कृषि भवन में नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात कर अपनी मांग रखी। इसमें किसान संघर्ष समिति के लोग भी शामिल थे। इसी मुलाकात के बाद नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि ये किसान नेता सरकार के सामने इस बात को लेकर आए थे कि मौजूदा कृषि कानूनों में संशोधन की किसी तरह की जरूरत नहीं है। इनमें किसान संघर्ष समिति, गौतम बुद्ध नगर, यूपी और भारतीय किसान यूनियन, नई दिल्ली के प्रतिनिधि शामिल थे। जिन्होंने कृषि कानूनों के पक्ष में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात कर यह ज्ञापन सौंपा। इन किसान नेताओं ने इन तीनों कृषि कानूनों के लिए पीएम का धन्यवाद किया और कहा कि इन कानूनों की वजह से किसानों की स्थिति बेहतर होगी, ऐसे में इसे वापस नहीं लिया जाना चाहिए।


वहीं केंद्र सरकार की बातचीत के लिए किसानों को भेजी गई चिट्ठी पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र​ सिंह तोमर ने कहा कि मुझे आशा है कि जल्दी उनका विचार-विमर्श पूरा होगा, वो चर्चा करेंगे और हम समाधान निकालने में सफल होंगे।


नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात के बाद चौधरी राम कुमार वालिया, इंडियन किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि कानून ठीक हैं लेकिन जो भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं उनको दूर करने की जरूरत है, 90% किसानों ने कानून नहीं पढ़ा है। मेरा प्रदर्शनकारियों से आग्रह है कि आंदोलन में राजनीति हावी न होने दें।