नई दिल्ली। नये कृषि कानूनों को निरस्त करवाने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले किसानों का आंदोलन गुरुवार को 15वें दिन जारी है और किसान नेता आंदोलन को आगे और तेज करने का ऐलान कर चुके हैं। वहीं, नये कानूनों में संशोधन के सरकार के प्रस्ताव को ठुकराने के बाद सरकार के साथ किसान नेताओं की बातचीत का मार्ग टूट गया है और इस दिशा में फिलहाल कोई नई पहल नहीं हुई है।
अपडेट-
कृषि मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद किसान नेता बूटा सिंह ने कहा, हमने 10 दिसंबर तक का अल्टीमेटम दिया है कि अगर पीएम हमारी बात नहीं मानते हैं और कानून को रद्द नहीं करते हैं तो हम रेलवे ट्रैक को ब्लॉक कर देंगे।
We’d given an ultimatum till Dec 10 that if PM doesn’t listen to us & doesn’t repeal laws, we’ll block railway tracks. It was decided in today’s meeting that all the people of India will take to the tracks. Sanyukt Kisan Manch will fix a date & announce: Farmer leader Boota Singh pic.twitter.com/xvuf9KEfjz
— ANI (@ANI) December 10, 2020
चिल्ला बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन भानू के प्रदेश अध्यक्ष योगेश प्रताप धरनास्थल पर मौजूद हैं। उन्होंने कहा है कि जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं मानती किसान बॉर्डर से नहीं जाएंगे।
कृषि कानूनों पर सरकार ने रखा अपना पक्ष कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रेस कांफ्रेंस कर कही अपनी बात, सरकार मंडी के किसानों को मुक्त करना चाहती थी ताकि वे मंडी के दायरे से बाहर अपनी उपज कहीं भी, किसी को भी, अपनी कीमत पर बेच सकें। ऐसे में उन्होंने किसानों से आंदोलन खत्म करने की भी अपील की। साथ ही वह सरकार के प्रस्तावों पर विचार करें।
The government wanted to liberate the farmers of the shackles of mandi so that they could sell their produce anywhere, to anyone, at his own price, outside the purview of mandi: Agriculture Minister Narendra Singh Tomar#FarmLaws pic.twitter.com/urjzhX6HUs
— ANI (@ANI) December 10, 2020
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर आज एकबार फिर आंदोलन कर रहे किसानों और किसान संगठनों से आंदोलन समाप्त करने का निवेदन करेंगे। इसके बाद वो मीडिया से बातचीत करेंगे।
Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar will make an appeal to the farmers to end their agitation and work with the government, today. He will also brief the media: Sources
(file photo) pic.twitter.com/BU0zKH1KGE
— ANI (@ANI) December 10, 2020
केंद्रीय मंत्री द्वारा किसान आंदोलन को चीन और पाकिस्तान से जोड़ने पर बयानबाजी तेज हो गई है. संजय राउत के बाद किसान नेता हनन मोल्ला ने इसपर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह भारतीय किसानों का अपमान है।
This is an insult to the Indian farmers. The farmers are led by their own interests and do not bother about any other forces: Hannan Mollah, General Secretary, All India Kisan Sabha on Union minister Raosaheb Danve’s statement ‘China, Pak behind farmer’s protest’ pic.twitter.com/SKojjaMr0e
— ANI (@ANI) December 10, 2020
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि, जो प्रस्ताव आया है उसमें बिल वापसी की बात नहीं है। सरकार संशोधन चाहती है। संशोधन के लिए किसान तैयार नहीं है। हम चाहते है पूरा बिल वापस हो। बिल वापसी के अलावा कोई रास्ता निकलता नज़र नहीं आ रहा है। सरकार तीन कृषि बिल लाई है उसी तरह से MSP को लेकर भी बिल लाए।
जो प्रस्ताव आया है उसमें बिल वापसी की बात नहीं है। सरकार संशोधन चाहती है। संशोधन के लिए किसान तैयार नहीं है। हम चाहते है पूरा बिल वापस हो। बिल वापसी के अलावा कोई रास्ता निकलता नज़र नहीं आ रहा है। सरकार तीन कृषि बिल लाई है उसी तरह से MSP को लेकर भी बिल लाए: राकेश टिकैत, किसान नेता pic.twitter.com/nXNtgaNgZs
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 10, 2020
भाजपा नेता शहनवाज़ हुसैन ने कहा कि, सरकार किसानों को मज़बूत करने के लिए बिल लाई है न कि कमज़ोर करने के लिए। मोदी जी के PM रहते किसानों के साथ कोई अन्याय नहीं कर सकता। दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्ष किसानों के कंधे को अपनी वैशाखी बनाना चाहता है। कांग्रेस और अन्य दलों को ऐसी ओछी हरकत नहीं करनी चाहिए।
सरकार किसानों को मज़बूत करने के लिए बिल लाई है न कि कमज़ोर करने के लिए। मोदी जी के PM रहते किसानों के साथ कोई अन्याय नहीं कर सकता। दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्ष किसानों के कंधे को अपनी वैशाखी बनाना चाहता है। कांग्रेस और अन्य दलों को ऐसी ओछी हरकत नहीं करनी चाहिए: शहनवाज़ हुसैन,BJP pic.twitter.com/ttmdeyrJH1
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 10, 2020
किसान नेता मंजीत सिंह ने कहा कि, सिंघु बॉर्डर पर किसान प्रदर्शनकारी डटे हुए हैं। “सरकार की मंशा ठीक नहीं है। सरकार चाहती है यह आंदोलन लंबा चले और कमजोर पड़ जाए। सरकार गलतफहमी में है। हमारा आंदोलन बढ़ रहा है। यहां से 5,000 लोग जाते हैं लेकिन 20,000 लोग आते भी हैं। सरकार पर दबाव बढ़ रहा है।”
सिंघु बॉर्डर पर किसान प्रदर्शनकारी डटे हुए हैं। “सरकार की मंशा ठीक नहीं है। सरकार चाहती है यह आंदोलन लंबा चले और कमजोर पड़ जाए। सरकार गलतफहमी में है। हमारा आंदोलन बढ़ रहा है। यहां से 5,000 लोग जाते हैं लेकिन 20,000 लोग आते भी हैं। सरकार पर दबाव बढ़ रहा है।” मंजीत सिंह, किसान नेता pic.twitter.com/nMGubbwUMi
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 10, 2020
कृषि क़ानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन आज 15वें दिन भी जारी है।
कृषि क़ानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन आज 15वें दिन भी जारी है। #FarmersProtest pic.twitter.com/iP04y1JAGg
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 10, 2020
कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। एक किसान ने बताया,”सरकार अभी भी लोगों की बात सुनने के लिए तैयार नहीं है। लोगों के ऊपर क्या प्रभाव पड़ रहा, क्या दिक्कत आ रही उस पर सरकार थोड़ा भी ध्यान नहीं दे रही है। सरकार जानबूझकर अड़ी हुई है।”
कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। एक किसान ने बताया,”सरकार अभी भी लोगों की बात सुनने के लिए तैयार नहीं है। लोगों के ऊपर क्या प्रभाव पड़ रहा, क्या दिक्कत आ रही उस पर सरकार थोड़ा भी ध्यान नहीं दे रही है। सरकार जानबूझकर अड़ी हुई है।” pic.twitter.com/7HrdixfEO7
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 10, 2020