लखनऊ। तीन कृषि कानून वापस लेने के पीएम नरेंद्र मोदी के एलान के बाद भी किसान संगठन अपना आंदोलन खत्म करने के लिए तैयार नहीं हैं। यह बात लखनऊ में आज हो रही महापंचायत में किसान नेताओं ने साफ कर दी। किसान महापंचायत में आए बीकेयू के नेता राकेश टिकैत ने न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP पर कानून बनाने और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त करने की मांग रख दी। टिकैत ने कहा कि सरकार एमएसपी पर कानून बनाए। साथ ही आंदोलन के दौरान मारे गए करीब 750 किसानों के परिजनों को आर्थिक मुआवजा और हर ऐसे परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाए। राकेश टिकैत ने कहा कि दूध के लिए जो नीति आने वाली है, उसके भी हम विरोध में हैं। बीज कानून भी है। इन सब पर सरकार से बातचीत करना चाहते हैं। किसान महापंचायत में टिकैत के अलावा किसान नेता दर्शनपाल, बलबीर सिंह राजेवाल, जोगिंदर सिंह उग्राहां भी मौजूद रहे।
महापंचायत में आए किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि हमने कृषि कानूनों को रद्द करने के पीएम मोदी के एलान पर चर्चा की। संगठन ने फिलहाल तय किया है कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम पहले की तरह ही जारी रहेंगे। उन्होंने कहा कि 26 नवंबर को सभी सीमाओं पर सभा और 29 नवंबर को संसद तक मार्च होगा। बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार लगातार किसानों को गुमराह कर रही है कि एमएसपी लागू थी, लागू है और लागू रहेगी। जबकि, हकीकत ये है कि उपज औने-पौने दामों पर खरीदी जा रही है।
उधर, जब टिकैत से सीएए कानून वापसी के असदुद्दीन ओवैसी की मांग पर सवाल किया गया, तो वे ये कहते हुए टाल गए कि ये चाचा और भतीजे की पार्टी का मसला है। टिकैत ने कहा कि भतीजे ने मांग की है, तो चाचा इसे भी वापस ले लेगा। बता दें कि एआईएमआईएम के चीफ और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मांग की है कि मोदी सरकार अब सीएए कानून वापस ले। ओवैसी ने ये धमकी भी दी है कि अगर सीएए को लागू करने की कोशिश हुई, तो वो ईंट से ईंट बजा देंगे और बड़ा आंदोलन खड़ा करेंगे।