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VIDEO: ‘हमने चूड़ियां नहीं पहन रखी हैं’…, तवांग झड़प पर फारूक अब्दुल्ला की चीन को खरी-खरी, जानिए क्या कहा..

हालांकि, इसमें ज्यादा हैरान होने की बात नहीं है, क्योंकि इससे पहले भी गलवान झड़प के दौरान चीन ने अपने सैनिकों के मारे जाने की बात पूरी दुनिया से छुपाने की कोशिश की थी, लेकिन अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने चीन के झूठ का पर्दाफाश कर उसे अपने हद में रहने की हिदायत लगे हाथों दे डाली थी।

नई दिल्ली। गत 9 दिसंबर को चीन ने गलवान पार्ट-2 दोहराने की कोशिश तो की थी, लेकिन भारतीय सैनिकों के शौर्य के आगे ड्रैगन के नापक इरादों ने धरातल पर उतरने से पहले ही दम तोड़ दिए थे। भारतीय सैनिकों ने अपने शौर्य का परिचय देते हुए चीनी के 300 सैनिकों को खदेड़ कर उन्हें यह एहसास दिला दिया कि आइंदा से भारत के खिलाफ आंख उठाने से पहले एक नहीं, बल्कि हजार बार सोचना। आपको बता दें कि इस झड़प में भारत के 4 तो चीन के 30 सैनिक घायल हुए थे। भारतीय सैनिकों ने खुद इस बात की पुष्टि की थी कि चीन को इस झड़प में ज्यादा नुकसान हुआ है, लेकिन चीन अपने सैनिकों को हुए नुकसान की बात स्वीकारने से गुरेज कर रहा है।

india china clash

हालांकि, इसमें ज्यादा हैरान होने की बात नहीं है, क्योंकि इससे पहले भी गलवान झड़प के दौरान चीन ने अपने सैनिकों के मारे जाने की बात पूरी दुनिया से छुपाने की कोशिश की थी, लेकिन अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने चीन के झूठ का पर्दाफाश कर उसे अपने हद में रहने की हिदायत लगे हाथों दे डाली थी। इतना ही नहीं, उन दिनों एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर प्रसारित हुआ था, जिसमें शी जिनपिंग खुद अपने मारे गए सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए नजर आ रहे थे। लेकिन इसके बावजूद चीन अपने झूठ पर कायम रहा।

india and china

अब इसी बीच तवांग झड़प में भी चीन गलवान झड़प की तर्ज पर अपने सैनिकों को हुए नुकसान की बात पूरी दुनिया से छुपा रहा है। हालांकि, बाद में चीनी सैनिकों ने अपनी ओर से जारी बयान में सीमा पर स्थिति स्थिर बताया था, लेकिन इस पूरे मसले के बाद भारत में राजनीति गरमा गई है। ध्यान रहे, चीन सीमा विवाद को लेकर गरमाई सियासत में सबसे पहले ओवैसी कूदे थे, जिसमें उन्होंने सरकार पर कई गंभीर सवाल उठाए थे। विपक्षी खेमों के कई नेताओं ने सरकार पर निशाना साधा था। वर्तमान में संसद के शीतकालीन सत्र में भी झड़प को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच नोकझोंक जारी है। जुबानी हमलों का सिलसिला जारी है। ऐसी स्थिति में जब सभी विपक्षी दल चीन सीमा विवाद को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने पर आमादा हैं, तो ऐसी स्थिति में नेका प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने चीन को कड़ी चुनौती दे दी है।

फारूक ने साफ कर दिया है कि अगर चीन की तरफ से ऐसा कोई भी कदम उठाया जाता है, तो हमने भी हाथों में चूड़ियां नही पहनी हुई हैं। फारूक ने भारतीय सैनिकों पर पूरा भरोसा जताया है। उन्होंने साफ कह दिया है कि अगर चीन की तरफ से भारत के खिलाफ कोई भी नापाक कदम उठाया जाता है, तो हमारी सेना चीन को मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। ध्यान रहे, ऐसी स्थिति में जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी भारतीय सेना के शौर्य पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करते हमारे जवानों के लिए ‘पिटाई’ जैसा अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल करते हैं, तो ऐसे में फारूक अब्दुल्ला द्वारा भारतीय सैनिकों और केंद्र सरकार पर भरोसा जताने की बात को कई चश्मों से देखा जा रहा है।

farooq abdullah 1

इतना ही नहीं, मीडियकर्मियों द्वारा जब फारूक से 1962 के युद्ध में चीन से भारत को मिली पराजय का जिक्र किया गया, तो इस पर नेका प्रमुख ने कहा कि उस वक्त तो भारत-चीनी भाई-भाई के नारे दिए जाते थे। उस वक्त, मैं खुद कॉलेज में पढ़ता था। मैं खुद भारत-चीन के झंडे लेकर दोनों देशों के बीच मित्रता की बातें किया करता था, लेकिन इसके बाद से लगातार चीन ने विस्तारवादी नीतियों में इजाफा किया जिसके बाद ही दोनों देशों में सीमा को लेकर विवाद शुरू हो गया। बता दें, ऐसी स्थिति में जब तमाम विपक्षी दल केंद्र सरकार पर चीन सीमा विवाद को लेकर हमलावर हैं, तो ऐसी सूरत में नेका प्रमुख द्वारा दिया गया उक्त बयान के कई गहरे मायने हैं।

ध्यान रहे, गलवान झड़प के बाद भी पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच वार्ता हो चुकी है, लेकिन इन तमाम वार्ताओं के बीच दोनों ही देशों के रिश्तों में जारी तनावग्रस्त स्थिति कम होने का नाम नहीं ले रही है। अब ऐसी स्थिति में दोनों ही देशों के आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम