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Fatwa For Ganesh Puja: अलीगढ़ में गणेश पूजा करने वाली बीजेपी की मुस्लिम नेता के खिलाफ मुफ्ती ने जारी किया फतवा, रूबी खान बोलीं- ये जेहादी हैं

रूबी ने मुफ्ती अरशद फारूकी को आड़े हाथ भी लिया है। उन्होंने कहा कि ऐसे मुफ्ती और मौलाना उग्रवादी और जेहादी सोच के हैं। ये लोग खुद भेदभाव करना चाहते हैं। हिंदुस्तान में रहकर हिंदुस्तान की बात नहीं करते। उन्होंने कहा कि सच्चे मुसलमान होते, तो इस तरह की बात नहीं करते।

अलीगढ़। अलीगढ़ में घर में गणपति की स्थापना और पूजन करने पर एक मुस्लिम परिवार के खिलाफ देवबंद के मुफ्ती ने फतवा जारी किया है। मुफ्ती ने कहा है कि ये गैर इस्लामी है। घर में गणेशजी की मूर्ति स्थापित कर उनकी पूजा करने वाली रूबी आसिफ खान बीजेपी की महिला मोर्चा की मंडल उपाध्यक्ष भी हैं। रूबी के गणेश पूजा को मुफ्ती अरशद फारूकी ने गैर इस्लामी बताया है। वहीं, रूबी का कहना है कि ऐसे मौलवी और मुफ्ती सच्चे मुसलमान नहीं हैं। ये देश का बंटवारा करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हिंदू और मुस्लिमों को मिलकर रहना चाहिए। रूबी ने ये भी कहा कि पहले भी उनके खिलाफ फतवे जारी होते रहे हैं, इस बार भी फतवे की उनको कोई परवाह नहीं है।

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रूबी ने मुफ्ती अरशद फारूकी को आड़े हाथ भी लिया है। उन्होंने कहा कि ऐसे मुफ्ती और मौलाना उग्रवादी और जेहादी सोच के हैं। ये लोग खुद भेदभाव करना चाहते हैं। हिंदुस्तान में रहकर हिंदुस्तान की बात नहीं करते। उन्होंने कहा कि सच्चे मुसलमान होते, तो इस तरह की बात नहीं करते। रूबी ने कहा कि वो हमेशा हिंदुओं के पर्वों को मनाती रही हैं और आगे भी मनाएंगी। रूबी के मुताबिक पहले भी मौलवी उनके खिलाफ पोस्टर तक लगवा चुके हैं। वो सिर्फ हिंदू-मुस्लिम एकता बरकरार रखना चाहती हैं। बता दें कि रूबी ने गणेश चतुर्थी पर विधि विधान से गणेशजी की प्रतिमा घर लाकर स्थापित की थी। उनके पूरे परिवार ने इसमें उनका साथ दिया था।

रूबी के घर में गणेश प्रतिमा स्थापित होने और उसकी पूजा के बारे में सोशल मीडिया के जरिए मुफ्ती अरशद फारूकी से राय पूछी गई थी। इस पर मुफ्ती ने कहा कि भगवान गणेश को हिंदू अति पूजनीय मानते हैं और उनको ज्ञान के साथ सुख और समृद्धि देने वाला कहते हैं, लेकिन इस्लाम की बात करें, तो इस धर्म में मूर्ति पूजा नहीं होती। इस्लाम में अल्लाह के सिवाह किसी को पूजा नहीं जाता। जो लोग ऐसा कर रहे हैं, वे इस्लाम के खिलाफ हैं। ऐसा करने वालों के खिलाफ वही हुक्म जारी होता है, जो इस्लाम के खिलाफ जाने वालों के लिए है।