नई दिल्ली। वर्ल्ड बैंक से लेकर आईएमएफ और तमाम अन्य एजेंसियों ने भारत की अर्थव्यवस्था के सुनहरे बने रहने की लगातार भविष्यवाणी की थी। भारत ने इस भविष्यवाणी को सही साबित भी कर दिखाया है। अब एक और अंतरराष्ट्रीय एजेंसी फिच FITCH ने भी भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर भविष्यवाणी की है। रेटिंग एजेंसी फिच ने कहा है कि मध्यम अवधि के लिए भारत की विकास दर यानी ग्रोथ रेट 0.7 फीसदी बढ़कर 6.2 फीसदी होगी। जबकि, भारत के सबसे बड़े दुश्मन चीन की विकास दर के बारे में फिच ने अच्छी भविष्यवाणी नहीं की है। चीन की विकास दर में फिच ने बड़ी कटौती जताई है। फिच ने अपनी रेटिंग में पहले मध्यम अवधि के लिए भारत की विकास दर को 5.5 फीसदी रखा था। ये मध्यम अवधि 2023 से 2027 तक की है। फिच ने खास बात ये भी कही है कि दुनिया की टॉप 10 अर्थव्यवस्थाओं में भारत की विकास दर सबसे ज्यादा रहेगी।
फिच ने अपनी रेटिंग जारी करते हुए कहा है कि भारत में रोजगार की दर काफी बढ़ी है और इसमें सुधार देखा गया है। इसके अलावा रेटिंग एजेंसी ने ये भी कहा है कि भारत की लेबर प्रोडक्शन क्षमता भी बाकी देशों के मुकाबले बेहतर हुई है। फिच के मुताबिक 2023-24 में भारत की विकास दर 6.3 फीसदी रहने की उम्मीद है। उसने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत में कामकाजी उम्र की आबादी के पहले लगाए गए अनुमान में मामूली बढ़ोतरी भी होने का अनुमान है। इन्हीं सब की बिनाह पर फिच ने भारत की अर्थव्यवस्था को अन्य देशों के मुकाबले काफी बेहतर माना है। फिच ने चीन की विकास दर में कटौती का अनुमान लगाया है। फिच के मुताबिक चीन की विकास दर 5.3 फीसदी से घटकर 4.6 फीसदी हो जाएगी। फिच के अनुसार अन्य टॉप की अर्थव्यवस्था वाले देशों की विकास दर भी 4.3 फीसदी की जगह 4 फीसदी ही होगी।
फिच ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कोरोना यानी कोविड महामारी के बाद दुनिया की तमाम उभरती अर्थव्यवस्थाओं की विकास दर कम हुई है और मंदी की स्थिति काफी गंभीर है। फिच की रिपोर्ट कहती है कि भारत, दक्षिण अफ्रीका और मेक्सिको की विकास दर में बड़ी गिरावट आई थी। बाद में राजकोषीय खर्च और व्यापार में सुधार होने से इनकी हालत पहले से बेहतर दिख रही है। फिच की ये रिपोर्ट भारत के लिए काफी अहम है। भारत ने इससे पहले आए अर्थव्यवस्था के आंकड़ों और विकास दर में सबसे ज्यादा तेजी बनाए रखी थी। यहां तक कि कोविड महामारी के दौरान भी भारत सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था बना रहा था।