नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साउथ अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में आयोजित ब्रिक्स सम्मेलन में शिरकत करने पहुंचे हैं। जहां उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर अपनी बात रखी और सदस्य देशों से मुलाकात की। इस बीच पीएम मोदी की मुलाकात चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी हुई। दोनों देशों के बीच जारी सीमा विवाद को लेकर यह मुलाकात अहम हो जाती है। चीन भी ब्रिक्स समूह का सदस्य है। वहीं, इस बीच खबर है कि ब्रिक्स सम्मेलन में सर्वसम्मति से भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका को संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा परिषद में शामिल कराने का प्रस्ताव पारित हो गया है। खास बात यह है कि इस प्रस्ताव पर चीन ने भी अपनी मुहर लगाई है, जिसे वैश्विक परिदृश्य में भारत के लिए बड़ी कूटनीतिक सफलता के रूप में रेखांकित किया जा रहा है। आइए, आगे जानते हैं कि आखिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की आमद अगर होती है, तो वो किस लहाज से अहम है?
BRICS joint statement calls for UNSC Reforms; call to support the “legitimate aspirations of.. Brazil, India and South Africa… in particular in the United Nations, including its Security Council” pic.twitter.com/oQ48nLDP6W
— Sidhant Sibal (@sidhant) August 24, 2023
दरअसल, इस मामले में चीन की भूमिका अहम हो जाती है, क्योंकि चीन शुरू से ही भारत के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शामिल होने का विरोध करता रहा है। हालांकि, उसने कभी खुलकर तो विरोध नहीं किया, लेकिन दुबी जुबां से उसका यह विरोध जारी रहा है, लेकिन अब ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान सर्वसम्मति से जिस तरह भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शामिल करने का प्रस्ताव पारित किया गया है, वो यकीनन भारत के लिए बड़ी कूटनीतिक सफलता है, क्योंकि चीन अक्सर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य देश होने के नाते अपने वीटो अधिकार का सहारा लेकर भारत के कई अहम प्रस्तावों को खारिज करवाता रहा है। लेकिन अफसोस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य देश नहीं होने के कारण भारत के हाथ हमेशा बंधे रहे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
वहीं, ब्रिक्स सम्मेलन को लेकर दूसरी अहम बड़ी खबर यह है कि अब इस संगठन में 6 अन्य देशों को भी शामिल कर लिया गया है, जिसमें अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब का नाम शामिल है। बता दें, इस संगठन में शामिल होने के लिए 23 देशों से अर्जियां आई थीं, जिसमें से 6 देशों की अर्जियां ही बहुत सोच विचार करके स्वीकार की गई है। उधर, पीएम मोदी ने ब्रिक्स संगठन के विस्तार पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि अब हमारा कुनबा पहले से ज्यादा बढ़ गया है, लिहाजा जिम्मेदारी भी बढ़ गई है। अब हमें विश्व को एकजुट करने की दिशा में काम करना होगा।