मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। एक विशेष अदालत ने देशमुख के पीए रहे कुंदन शिंदे की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि शिंदे के बारे में पहली नजर में लग रहा है कि उसने उगाही की रकम ली है। मुंबई पुलिस के बर्खास्त इंस्पेक्टर सचिन वाजे ने प्रवर्तन निदेशालय ED को दिए अपने बयान में कहा था कि मुंबई के बार मालिकों से दिसंबर 2020 और फरवरी 2021 के बीच उसने 4.7 करोड़ रुपए की उगाही देशमुख के कहने पर की थी। इस रकम को दो किस्तों में कुंदन शिंदे को उसने दिया था। वाजे का कहना है कि देशमुख ने रकम को शिंदे को देने के लिए कहा था। कोर्ट ने कहा कि ये और कुछ नहीं, बल्कि अपराध है।
कोर्ट ने कहा कि वाजे के बयान से साफ हो जाता है कि देशमुख के स्टाफ में शामिल शिंदे और पलांडे के बारे में लगता है कि उन्होंने वाजे और देशमुख के बीच मीटिंग कराई। कोर्ट ने कहा कि ये भी सामने आया है कि संजीव पलांडे और कुंदन शिंदे ने अनिल देशमुख के निर्देश के मुताबिक बार मालिकों से और रकम की उगाही की संभावना भी तलाशी। कोर्ट ने कहा कि ये बात पुलिस के और अफसरों ने अपने बयान में भी कही है। अदालत ने कहा कि अगर वाजे के बारे में मान भी लिया जाए कि उसने अपने बचाव के लिए ये कहानी गढ़ी है, तो सवाल ये भी है कि कोई व्यक्ति मीटिंग की तारीख, समय और उगाही गई रकम के बारे में इतनी महीन बातें कैसे तय कर सकता है।
बता दें कि पूरा मामला उस वक्त खुला था, जब रिलायंस के मालिक मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास विस्फोटकों भरी एक गाड़ी बरामद हुई थी। इसकी जांच केंद्र सरकार ने नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी NIA को सौंपी थी। एनआईए ने पाया कि गाड़ी को सचिन वाजे ने ही अंबानी परिवार को डराने के लिए रखा था। एनआईए की गिरफ्त में आने के बाद सचिन वाजे ने देशमुख की सारी पोल खोल दी। वहीं, तत्कालीन मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की सीएम उद्धव ठाकरे को लिखी चिट्ठी भी सामने आई। इसमें परमबीर ने लिखा था कि सचिन वाजे ने उन्हें बताया है कि देशमुख ने उसे बार मालिकों से हर महीने 2 करोड़ रुपए उगाही करने के निर्देश दिए हैं। परमबीर का कहना था कि उन्होंने वाजे को ऐसा न करने को कहा।