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सोने से मढ़ा जाएगा तिरुपति और गोल्डन टेंपल की तरह महाकाल मंदिर, लगेगा 250 किलो सोना

इसके साथ ही महाकाल मंदिर भी अब सोमनाथ, तिरुपति बालाजी और शिर्डी के साईं मंदिर की श्रेणी में शामिल हो जाएगा। मंदिर में सोना मढ़ने का काम शुरू होने वाला है, जिसमें करीब 8 साल लगेंगे। दो व्यापारियों ने इसका बीड़ा उठाया है।

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में स्थित विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर भी अब जल्द ही सोने से जगमगाएगा। देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक इस मंदिर के शिखर और गर्भगृह पर करीब 250 किलो सोना मढ़ा जाएगा। इसके साथ ही महाकाल मंदिर भी अब सोमनाथ, तिरुपति बालाजी और शिर्डी के साईं मंदिर की श्रेणी में शामिल हो जाएगा। मंदिर में सोना मढ़ने का काम शुरू होने वाला है, जिसमें करीब 8 साल लगेंगे। दो व्यापारियों ने इसका बीड़ा उठाया है।

विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर भी अब स्वर्ण मंदिर की तरह दमकेगा। इसके शिखर और गर्भग्रह पर सोना मढ़ा जा रहा है। मंदिर के मुख्य पुजारी के मुताबिक उज्जैन के व्यापारी और मुंबई के एक हीरा व्यापारी ने महाकाल मंदिर के शिखर और गर्भगृह को सोने से मढ़ने का बीड़ा उठाया है। मुंबई के व्यापारी ने इससे पहले भी सोमनाथ मंदिर और बद्रीनाथ मंदिर में इसी तरह से सोने का दान किया था। अब व्यापारी की मंशा है कि उज्जैन का प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर भी स्वर्ण जड़ित हो जाए। इसके लिए रूपरेखा बना ली गई है।

मंदिर में कारीगरों को भेजकर एस्टीमेट भी तैयार करा लिया गया है। इसमें बताया गया है कि इस पूरे काम में करीब 250 किलो सोना लग सकता है। इसमें से 200 किलो शिखर पर और 50 किलो गर्भगृह में लगाया जाएगा। उज्जैन के स्वर्ण शिखर आरोहण संकल्प समिति ने व्यापारियों से बात करने के बाद अब महाकाल मंदिर समिति को यह प्रस्ताव जल्दी भेजने की बात कही है।