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Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष की बड़ी जीत, मस्जिद परिसर का होगा वैज्ञानिक सर्वे

Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मामले में पर वाराणसी अदालत का फैसला आ गया है। कोर्ट ने अपने फैसले में वैज्ञानिक सर्वे की मंजूरी दे दी है। इससे पहले इस मामले की सुनवाई गत 16 जुलाई को हुई थी। तब अदालत ने इस पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

नई दिल्ली। ज्ञानवापी मामले पर वाराणसी अदालत का फैसला आ गया है। कोर्ट ने अपने फैसले में वैज्ञानिक सर्वे की मंजूरी दे दी है। इससे पहले इस मामले की सुनवाई गत 14 जुलाई को हुई थी। तब अदालत ने इस पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। वहीं, आज की सुनवाई में कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि वैज्ञानिक सर्वे वजूखाने को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी परिसर का होगा। हिंदू पक्ष के वकील ने कहा कि अगर मुस्लिम पक्ष की ओर से इसे चुनौती दी गई, तो हम कैविएट याचिका दाखिल करेंगे। वहीं, हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा, “मुझे सूचित किया गया है कि मेरा आवेदन मंजूर कर लिया गया है और अदालत ने वज़ू टैंक को छोड़कर, ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का एएसआई सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया है।

माना जा रहा है कि एएसआई सर्वे से ज्ञानवापी मस्जिद का सच निकलेगा। वजू को छोड़कर ज्ञानवापी के पूरे एरिया का सर्वे होगा। इसके बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी कि यहां फव्वारा था या शिवलिंग। वहीं, वैज्ञानिक सर्वे की मंजूरी मिलने के बाद हिंदू पक्षों में खुशी की लहर है। ध्यान दें कि पिछले 29 सालों से अदालत में यह मामला विचाराधीन है। वहीं, अब वैज्ञानिक सर्वे की मंजूरी मिलने के बाद माना जा रहा है कि असल सच्चाई सामने आएगी। ध्यान दें कि इससे पहले कार्बन डेटिंग को लेकर भी कोर्ट का दरवाजा हिंदू पक्षों की ओर से खटखटाया गया था, लेकिन इसकी मंजूरी नहीं मिली थी।

बता दें कि आगामी 4 अगस्त से ज्ञानवापी के वैज्ञानिक सर्वे की प्रक्रिया शुरू होगी। उधर, हिंदू पक्षों की ओर से स्पष्ट किया जा चुका है कि अगर मुस्लिम पक्षों के द्वारा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया, तो हम मामले में कैविएट याचिका दाखिल करेंगे। उधर, प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट को भी इस मामले से जोड़कर देखा जा रहा है, लेकिन हिंदू पक्षों की ओर से स्पष्ट किया जा चुका है कि अगर सर्वे में ज्ञानवापी मस्जिद के नीचे मंदिर होने के संकेत मिले, तो यह कानून अप्रासंगिक हो जाएगा।

ध्यान दें कि ज्ञानवापी मस्जिद मामले एएसआई सर्वे काफी मायने रखता है, क्योंकि राम मंदिर का भी एएसआई सर्वे किया गया था, जिसके आधार पर ही कोर्ट ने राम नगरी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का निर्णय दिया था। ऐसे में ज्ञानवापी मामले में एएसआई सर्वे की प्रतिवेदन काफी मायने रखती है।