नई दिल्ली। ज्ञानवापी मामले पर वाराणसी अदालत का फैसला आ गया है। कोर्ट ने अपने फैसले में वैज्ञानिक सर्वे की मंजूरी दे दी है। इससे पहले इस मामले की सुनवाई गत 14 जुलाई को हुई थी। तब अदालत ने इस पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। वहीं, आज की सुनवाई में कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि वैज्ञानिक सर्वे वजूखाने को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी परिसर का होगा। हिंदू पक्ष के वकील ने कहा कि अगर मुस्लिम पक्ष की ओर से इसे चुनौती दी गई, तो हम कैविएट याचिका दाखिल करेंगे। वहीं, हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा, “मुझे सूचित किया गया है कि मेरा आवेदन मंजूर कर लिया गया है और अदालत ने वज़ू टैंक को छोड़कर, ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का एएसआई सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया है।
Shringar Gauri-Gyanvapi case | Vishnu Shankar Jain, representing the Hindu side in the Gyanvapi mosque case, says, “I have been informed that my application has been approved and the court has directed to conduct an ASI survey of the Gyanvapi mosque complex, excluding the Wazu… pic.twitter.com/Le2C0p1SBF
— ANI (@ANI) July 21, 2023
माना जा रहा है कि एएसआई सर्वे से ज्ञानवापी मस्जिद का सच निकलेगा। वजू को छोड़कर ज्ञानवापी के पूरे एरिया का सर्वे होगा। इसके बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी कि यहां फव्वारा था या शिवलिंग। वहीं, वैज्ञानिक सर्वे की मंजूरी मिलने के बाद हिंदू पक्षों में खुशी की लहर है। ध्यान दें कि पिछले 29 सालों से अदालत में यह मामला विचाराधीन है। वहीं, अब वैज्ञानिक सर्वे की मंजूरी मिलने के बाद माना जा रहा है कि असल सच्चाई सामने आएगी। ध्यान दें कि इससे पहले कार्बन डेटिंग को लेकर भी कोर्ट का दरवाजा हिंदू पक्षों की ओर से खटखटाया गया था, लेकिन इसकी मंजूरी नहीं मिली थी।
#WATCH | Today, the court has ordered an ASI survey of the Gyanvapi mosque complex. We will participate in the ASI survey: Vishnu Shankar Jain, representing the Hindu side in the Gyanvapi mosque case pic.twitter.com/VeX0FnZVXC
— ANI (@ANI) July 21, 2023
बता दें कि आगामी 4 अगस्त से ज्ञानवापी के वैज्ञानिक सर्वे की प्रक्रिया शुरू होगी। उधर, हिंदू पक्षों की ओर से स्पष्ट किया जा चुका है कि अगर मुस्लिम पक्षों के द्वारा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया, तो हम मामले में कैविएट याचिका दाखिल करेंगे। उधर, प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट को भी इस मामले से जोड़कर देखा जा रहा है, लेकिन हिंदू पक्षों की ओर से स्पष्ट किया जा चुका है कि अगर सर्वे में ज्ञानवापी मस्जिद के नीचे मंदिर होने के संकेत मिले, तो यह कानून अप्रासंगिक हो जाएगा।
#WATCH | Varanasi, UP: Advocate Subhash Nandan Chaturvedi, representing Hindu side in the Gyanvapi case, says, “Our application for the ASI survey has been accepted. It’s a turning point in the case.” pic.twitter.com/8C9j72Eh2B
— ANI (@ANI) July 21, 2023
ध्यान दें कि ज्ञानवापी मस्जिद मामले एएसआई सर्वे काफी मायने रखता है, क्योंकि राम मंदिर का भी एएसआई सर्वे किया गया था, जिसके आधार पर ही कोर्ट ने राम नगरी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का निर्णय दिया था। ऐसे में ज्ञानवापी मामले में एएसआई सर्वे की प्रतिवेदन काफी मायने रखती है।