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Good News For India: भारत के लिए अच्छी खबर!, कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस उत्पादन में आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम बढ़ा; पीएम मोदी ने जताई खुशी

Good News For India: भारत को अब तक अरब सागर में ही समुद्र से कच्चा तेल और प्राकृतिक गैस मिलता रहा है। इसके अलावा आंध्र प्रदेश के पास कावेरी बेसिन से प्राकृतिक गैस का उत्पादन होता है। भारत को अपने कच्चे तेल का करीब 80 फीसदी विदेश से आयात करना होता है।

नई दिल्ली। भारत के लिए एक अच्छी खबर है। बंगाल की खाड़ी में KG-DWN-98/2 ब्लॉक से भी भारत को कच्चा तेल और प्राकृतिक गैस मिलने लगी है। बंगाल की खाड़ी में जिस जगह कच्चा तेल और प्राकृतिक गैस मिली है, वहां समुद्र की गहराई में बड़ी मुश्किल से डीप बोरिंग में सफलता हासिल हुई थी। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ये जानकारी दी है। भारत को बंगाल की खाड़ी में कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस का स्रोत मिलने पर पीएम नरेंद्र मोदी ने भी खुशी जताई है। मोदी ने कहा है कि इससे देश की आत्मनिर्भरता बढ़ेगी और अर्थव्यव्स्था को भी फायदा होगा।

पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के इस नए ब्लॉक का वीडियो भी जारी किया है। इस वीडियो में दिख रहा है कि किस तरह बंगाल की खाड़ी में समुद्र की गहराई से ऑयल रिग के जरिए कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस को निकालने में सफलता मिली है। हरदीप सिंह पुरी ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि यहां से हर रोज 45000 बैरल कच्चा तेल और 1 करोड़ घनफिट प्राकृतिक गैस रोज मिल सकेगी। उन्होंने इसे आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम बताया है। हरदीप सिंह पुरी के मुताबिक ताजा तेल और गैस ब्लॉक से देश में कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के उत्पादन में 7-7 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई है।

बता दें कि भारत को अब तक अरब सागर में ही समुद्र से कच्चा तेल और प्राकृतिक गैस मिलती रही है। इसके अलावा आंध्र प्रदेश के पास कावेरी बेसिन से प्राकृतिक गैस का उत्पादन होता है। भारत को अपने कच्चे तेल का करीब 80 फीसदी विदेश से आयात करना होता है। प्राकृतिक गैस के लिए भी कतर और अन्य देशों पर भारत निर्भर है। जिसकी वजह से हर साल अरबों डॉलर की विदेशी मुद्रा देश को खर्च करनी होती है। इसी आयात को कम करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन देने के लिए योजना शुरू की थी। अब बंगाल की खाड़ी में नए कच्चे तेल और गैस क्षेत्र से उत्पादन शुरू होने पर भारत के लिए आयात कुछ कम करना होगा। जिससे बहुमूल्य विदेशी मुद्रा की भी अच्छी बचत हो सकेगी और इसे जनता के हित के काम में इस्तेमाल किया जा सकेगा।