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क्रिप्टो पर भारत ने कैसे मचाया दुनिया में कोहराम? आतंकी फंडिंग पर मोदी सरकार की ‘डिजिटल स्ट्राइक’

जानकारों की राय में तकनीकी रूप से बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह से बैन संभव नहीं है। अगर सरकार लोकल करेंसी से क्रिप्टो की खरीदारी पर रोक लगा देती है तो भी उनके पास इसे वर्चुअली बैन करने के लिए कोई रास्ता नहीं है।

नई दिल्ली: भारत में निजी क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी की खबर ने डिजिटल करेंसी की दुनिया में कोहराम मचा दिया है। डिजिटल करेंसी मोदी की सरकार की पाबंदी से क्रिप्टो करेंसी मार्केट क्रैश हो चुका है। सभी प्रमुख क्रिप्टो करेंसी में लगभग 15 प्रतिशत की अधिक की गिरावट देखी गई है।

प्रस्तावित कानून में भारत में सभी तरह की निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने की बात कही गई है। कई जानकार इसे मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग पर मोदी सरकार की डिजिटल स्ट्राइक के तौर पर भी देख रहे हैं। 13 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में क्रिप्टो करेंसी पर नियम बनाने पर एक बैठक हुई थी। इस बैठक के दौरान यह सहमति बनी है कि ‘बड़े-बड़े वादों और ग़ैर-पारदर्शी विज्ञापनों से युवाओं को गुमराह करने की कोशिशों’ को रोका जाए। इसी दौरान इस बात पर भी चिंता जाहिर की गई कि अनियंत्रित क्रिप्टो मार्केट का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फ़ंडिंग के लिए किया जा सकता है। इसी कारण मोदी सरकार इसको नियंत्रित करने लिए कदम उठाने के प्रति दृढ़ संकल्प है।

क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालों का क्या होगा ?
क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी की खबरों से क्रिप्टो निवेशकों में हड़कंप मचा हुआ है । अब सवाल उठ रहा है कि जिन निवेशकों ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया है, उनका क्या होगा ? हालांकि क्रिप्टोकरेंसी बिल पर क्रिप्टोकरेंसी में पाबंदी लगाने की बात की गई है, लेकिन माना जा रहा है कि सरकार क्रिप्टो में निवेश करने वालों को कुछ राहत और मोहलत दे सकती है। हालांकि अभी ये तय नहीं है कि ये राहत किस तरह की होगी ।
वित्त मामलों पर संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष एवं बीजेपी सांसद जयंत सिन्हा ने कहा था कि कई क्रिप्टो एक्सचेंजों को मिलाकर 1 करोड़ 50 लाख KYC यूजर्स हैं और करीब 6 अरब डॉलर का निवेश इसमें किया गया है। एक और रिपोर्ट में दावा किया गया है कि क्रिप्टो में निवेश के मामले में भारत दुनिया में दूसरे नंबर पर है। क्रिप्टो ऐक्सचेंज इस बात की मांग कर रहे हैं कि क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी लगने के बजाए इसके लिए नियम बनाया जाना चाहिए ।

प्रस्तावित विधेयक में भारत में सभी तरह की निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने की बात कही गई है। लेकिन हालांकि, क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित ब्लाकचेन तकनीक को सरकार प्रोत्साहित कर सकती है। बिल में इसके अलावा आधिकारिक डिजिटल करेंसी के क्रिएशन के लिए भारतीय रिजर्व बैंक से एक फ्रेमवर्क बनाने की भी मांग की गई है।हाल के दिनों में काफी संख्या में ऐसे विज्ञापन आ रहे हैं जिसमें क्रिप्टोकरेंसी में निवेश में काफी फायदे का वादा किया गया और इनमें फिल्मी हस्तियों को भी दिखाया गया। ऐसे में निवेशकों को गुमराह करने वाले वादों को लेकर चिंता व्यक्त की जा रही थी। भारतीय रिजर्व बैंक ने बार-बार क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ सख्त विचार व्यक्त किये है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी इस महीने के प्रारंभ में क्रिप्टोकरेंसी को अनुमति दिये जाने के खिलाफ सख्त विचार व्यक्त किये थे और कहा था कि ये किसी वित्तीय प्रणाली के लिये गंभीर खतरा है।

क्या क्रिप्टोकरेंसी पर बैन संभव है ?
जानकारों की राय में तकनीकी रूप से बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह से बैन संभव नहीं है। अगर सरकार लोकल करेंसी से क्रिप्टो की खरीदारी पर रोक लगा देती है तो भी उनके पास इसे वर्चुअली बैन करने के लिए कोई रास्ता नहीं है। क्रिप्टो की ट्रे़डिंग ऑनलाइन होती है और यह बैंकों और सरकार के दायरे से बाहर है।