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Central Vista Project: सेंट्रल विस्टा को लेकर हरदीप पुरी का विपक्ष पर हमला, ऐसे दिया मुंहतोड़ जवाब

Central Vista Avenue: केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि, जब 2012 में मीरा कुमार लोकसभा अध्यक्ष थीं तो उनके एक OSD थे जिन्होंने आवास मंत्रालय के सचिव को एक पत्र लिखा था जिसमें कहा गया था कि एक फैसला ले लिया गया है कि एक नई संसद भवन बननी चाहिए।

नई दिल्ली। सोमवार को सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट मामले (Central Vista Project) में दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi highcourt ) में सुनवाई हुई। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है। सेंट्रल विस्टा के निर्माण कार्य पर रोक लगाने से दिल्ली हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया है। इस बीच केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने (Hardeep Singh Puri) ने सेंट्रल विस्टा को लेकर विपक्ष पर जोरदार प्रहार किया। उन्होंने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि, सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर एक गलत कहानी गढ़ी जा रही है। इस पर महामारी के बहुत पहले फैसला ले लिया गया था। संसद का नया भवन बनाना इसलिए जरूरी है क्योंकि पुराना भवन सेस्मिक ज़ोन 2 में आता था, अगर तेज भूंकप आए तो अब ये भवन सेस्मिक ज़ोन 4 में है।

केंद्रीय शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इन परियोजनाओं पर हजारों करोड़ खर्च होने की बातों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि, पहली बात तो 20,000 करोड़ रुपये का आंकड़ा कहां से आया? जिसके मन में जो आता है बोलता है। 51 मंत्रालयों के लिए ऑफिस, मेट्रो के साथ जोड़ना, नया संसद भवन, 9 ऑफिस के भवन, न्यू इंदिरा गांधी सेंटर फॉर परफार्मिंग आर्ट्स सब मिलाकर खर्चा शायद 13,000-15,000 करोड़ आएगा।

Central Vista Project

उन्होंने कहा कि, आजादी के समय हमारी जनसंख्या 350 मिलियन के करीब थी। संसद भवन में हमें जगह की जरुरत होती है ताकि संसद सदस्य बैठ सकें। राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे तब से यह मांग की जा रही है। कुल खर्चा 1300 करोड़ रुपये के आसपास है।

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि, जब 2012 में मीरा कुमार लोकसभा अध्यक्ष थीं तो उनके एक OSD थे जिन्होंने आवास मंत्रालय के सचिव को एक पत्र लिखा था जिसमें कहा गया था कि एक फैसला ले लिया गया है कि एक नई संसद भवन बननी चाहिए।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, कहा जा रहा है 20,000 करोड़ रुपये मरामारी के दौरान खर्च कर रहे हैं ये वैक्सीनेशन कार्यक्रम में लगाईये। केंद्र ने वैक्सीनेशन के लिए 35,000 करोड़ आवंटित किया है। वैक्सीनेशन के लिए पैसे की कमी नहीं है, पर्याप्त पैसा है। वैक्सीन की उपलब्धता दूसरी बात है।