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Politics : क्या गुलाम नबी आजाद के साथ कांग्रेस ने खेल दिया गेम? पहले 17 ने छोड़ा अब कई और की घर वापसी की उम्मीद

Politics : DAP नेताओं के कांग्रेस में वापस जाने को बीच आजाद के भी कांग्रेस में आने की अटकलें शुरू हो गई हैं। हालांकि, डीएपी प्रमुख इससे मना कर रहे हैं।

नई दिल्ली। देश के बड़े केंद्रीय नेताओं में शुमार गुलाम नबी आजाद की नई-नवेली ‘डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी’ मजबूत होने की जगह अब टूटती दिखाई दे रही है। कांग्रेस के सीनियर नेता जयराम रमेश ने सोमवार को ट्वीट करके जो बात कही है, उससे निश्चित तौर पर आजाद की टेंशन बढ़ने वाली है। उन्होंने कहा कि गुलाम नबी आजाद की पार्टी के और नेता मंगलवार को कांग्रेस में वापस आएंगे।’ इस दौरान उन्होंने तंज कसते हुए DAP को ‘डिसअपीयरिंग आजाद पार्टी’ कहकर संबोधित किया।

आपको बता दें कि इनमें जम्मू-कश्मीर के पूर्व उप मुख्यमंत्री ताराचंद और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष पीरजादा मोहम्मद भी शामिल हैं। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इन नेताओं का पार्टी में स्वागत किया था। उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा के जम्मू कश्मीर में दाखिल होने से पहले हमारे कई नेता घर वापस आ रहे हैं। यह बहुत खुशी की बात है। वहीं, जयराम रमेश ने तब भी यह कहा था कि आने वाले दिनों में डीएपी के कई और नेता कांग्रेस में वापसी करेंगे। आजाद के खुद कांग्रेस में आने की अटकलें मालूम हो कि गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस के साथ अपने 52 साल पुराने जुड़ाव को तोड़ दिया था और डीएपी का गठन किया था। DAP नेताओं के कांग्रेस में वापस जाने को बीच आजाद के भी कांग्रेस में आने की अटकलें शुरू हो गई हैं। हालांकि, डीएपी प्रमुख इससे मना कर रहे हैं।

गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस में लौटने का कोई इरादा नहीं है। आजाद ने कहा कि पुरानी पार्टी में उनकी वापसी का सुझाव कांग्रेस में कुछ निहित स्वार्थ वाले नेताओं की ओर से दिया गया है और इसमें कोई सच्चाई नहीं है। उन्होंने कहा, ‘मैंने कभी किसी कांग्रेस नेता से बात नहीं की और न ही किसी ने मुझे फोन किया। इसलिए मुझे हैरानी है कि मीडिया में इस तरह की खबरें क्यों डाली जाती हैं।’ पार्टी के टूटने पर क्या बोले आजाद? आजाद ने उनकी पार्टी के नेताओं के साथ छोड़ने पर हाल ही में कहा था कि जब तक मतदाता उनके साथ है, उन्हें किसी बात की चिंता नहीं है। उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस छोड़कर जम्मू-कश्मीर लोगों की दुर्दशा देखने के बाद आए हैं। वह किसी भी नेता के भरोसे नहीं हैं। आजाद ने कहा, ‘जिन लोगों ने पार्टी छोड़ी है उन्हें बहुत ही बुरे हालात का सामना करना पड़ेगा। मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों की परेशानियां देखकर लौटा हूं। गरीबी और बेरोजगारी से लड़ने के लिए आया हूं। यहां के लोग डर के साए में जी रहे हैं। राजनीतिक दल लोगों के हित की बात नहीं करते हैं। मैं अपनी हिम्मत और प्रभाव से लोगों की मदद करने के लिए पूरी तरीके से राजी हूं।’