नई दिल्ली। हाथरस मामले को सीबीआई से जांच कराने के लिए योगी सरकार 3 अक्टूबर को गृह मंत्रालय को सिफारिश कर चुकी है हालांकि इसके उलट अभी इस मामले में सीबीआई जांच शुरू नहीं हुई है। बता दें कि हाथरस मामले में विपक्ष लगातार ये सवाल कर रहा है कि आखिर इस मामले में अभी तक सीबीआई जांच शुरू क्यों नहीं हुई। इसको लेकर विपक्ष योगी सरकार निशाना साधते हुए कह रही है कि योगी सरकार सिर्फ दिखाने के लिए सीबीआई जांच की बात कर रही है। आपको बता दें कि योगी सरकार की मंशा को समझने के लिए वो हलफनामा देखना होगा जिसमें योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करते हुए हाथरस मामले की जांच को सीबीआई से कराने का अनुरोध किया था। बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने भी शीर्ष अदालत में अपना हलफनामा दाखिल करके मामले की जांच सीबीआई से कराने का आदेश देने का अनुरोध किया था। सरकार ने कहा कि इस मामले में एक निर्दोष जिंदगी चली गई और सुप्रीम कोर्ट अपनी निगरानी में केंद्रीय एजेंसी को जांच करने का आदेश दे सकता है।
वहीं कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने गुरुवार को एक ट्वीट कर कहा कि ‘कथित सीबीआई जांच बयान बनकर रह गई।’ उन्होंने कहा कि यूपी में विशेष जांच दल = सरकार बचाओ दल बन चुका है। जब – जब न्याय का गला घोंटना होता है, तब इस ‘सरकार बचाओ दल’ को सक्रिय कर दिया है।हाथरस के साथ यही हो रहा है। वकथित सीबीआई जांच बयान बनकर रह गई। सीएम को सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच से डर लगता है। न्याय की हत्या जारी है।’
गौरतलब है कि अजय कुमार लल्लू के इस ट्वीट से भले ही योगी सरकार की मंशा पर सवाल उठाने की कोशिश की जा रही हो लेकिन योगी सरकार ने 3 अक्टूबर को इस मामले में गृह मंत्रालय से सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी थी और यही अनुरोध सुप्रीम कोर्ट से भी किया था। ऐसे में योगी सरकार की मंशा पर सवाल उठाना बेकार लगता है।