नई दिल्ली। भारत में कोरोनावायरस का कहर जारी है। इस वायरस की वजह से पिछले कुछ महीनों में देश में 1 लाख से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं जबकि इससे संक्रमित होनेवालों का आंकड़ा 70 लाख को पार कर गया है। हालांकि पूरी दुनिया के मुकाबले जनसंख्या और घनत्व के लिहाज से भारत की स्थिति बेहतर है फिर भी इस वायरस के प्रकोप से बचने के लिए कई एहतियात बरतने की जरूरत है। सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय लगातार लोगों को इन एहतियात के बारे में बता रही हैं। हालांकि देश अब धीरे-धीरे अनलॉक हो रहा है। देशभर में आर्थिक गतिविधियां सामान्य हो रही हैं लेकिन इस सब के बीच कोरोना के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में कुछ ऐसी रिपोर्ट्स भी सामने आईं, जिसमें दावा किया गया कि ठंड के मौसम में कोरोनावायरस के मामलों में वृद्धि आ सकती है। इन आशंकाओं पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने भी अपनी तरफ से जवाब दिया है। वहीं स्वास्थ्य मंत्री ने त्योहारी मौसम में भी लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। उन्होंने रविवार को कहा कि भारत में ठंड के मौसम में कोरोनावायरस के मामलों में वृद्धि वाली आशंकाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है।
डॉ. हर्षवर्धन ने रविवार को आयोजित होने वाले सोशल मीडिया इंटरेक्शन कार्यक्रम ‘संडे संवाद’ में अपनी बात रख रहे थे। इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ”दुनिया का कोई भी धर्म अथवा भगवान यह नहीं कहता कि आप लोगों की जिंदगी खतरे में डालकर त्योहार मनाएं। कोरोना के खिलाफ जंग को जीतने के लिए हमें पीएम मोदी के जन आंदोलन को गंभीरता से लेना होगा।”
उन्होंने इसी के साथ लोगों को आगाह किया कि आप इसे मेरी चेतावनी समझ लें या फिर सलाह, लेकिन अगर त्योहारों के दौरान हमने लापरवाही बरती तो कोरोना फिर से विकराल हो जाएगा। इसलिए मैं कहूंगा कि त्योहारों के दौरान दो गज की दूरी, मास्क है जरूरी’ का पालन जरूर करें। बाहर जाने के बजाय घर पर रहकर परिवार के साथ त्योहार मनाएं।
अभी तक यह साफ़ नहीं हो सका है कि पर्यावरण में होने वाले किसी बदलाव का असर कोरोना के संक्रमण पर पड़ता है या नहीं।
वैसे #कोरोना के चार अन्य प्रकार के #virus भी हैं जो सर्दियों में तेज़ी से फैलते हैं।
#sundaysamvaadwithdrhv @MoHFW_INDIA #COVID19 pic.twitter.com/nYp8pFm13P
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) October 11, 2020
वहीं इस संक्रमण से निपटने के लिए वैक्सीन आने के संबंध में उन्होंने कहा कि देश में कोरोना वैक्सीन पर वैज्ञानिकों की उच्चस्तरीय टीम निरंतर जुटी हुई है उम्मीद है कि घरेलू स्तर पर वैक्सीन अगले वर्ष जुलाई तक आ सकती है। उन्होंने कहा कि एक अनुमान के मुताबिक देश में कोरोना वैक्सीन की पहली खेप में 40 से 50 करोड़ खुराक आ सकती है।
वहीं स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि SARS Cov 2 एक रेस्पिरेट्री वायरस है और ऐसे वायरस को ठंड के मौसम में बढ़ने के लिए जाना जाता है। रेस्पिरेट्री वायरस ठंड के मौसम और कम आर्द्रता की स्थिति में बेहतर तरीके से पनपते हैं। एक और तथ्य है जिसे ध्यान में रखना आवश्यक है। सर्दियों के दौरान, आवासीय आवासों में भीड़भाड़ होती है। इससे मामले बढ़ सकते हैं। इसलिए भारतीय संदर्भ में, यह मानना गलत नहीं होगा कि सर्दियों के मौसम में मामलों की संख्या में वृद्धि देखी जा सकती है।
मंत्री ने यूरोपीय देशों का भी उदाहरण दिया, जिसमें विशेष तौर पर ब्रिटेन के बारे में बताया, जहां पर ठंड के मौसम में कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि देगी गई थी।