नई दिल्ली। नीट परीक्षा प्रश्न पत्र लीक मामले में जांच के लिए केंद्र सरकार द्वारा गठित की गई उच्च स्तरीय समिति ने छात्रों और अभिभावकों से परीक्षा का आयोजन कराने वाली संस्था नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) में सुधार के और इसके पुनर्गठन के लिए सुझाव मांगे हैं। जो भी लोग अपनी राय या विचार व्यक्त करना चाहते हैं वो नीचे दिए गए इस लिंक पर क्लिक करके अपनी बात पहुंचा सकते हैं। https://innovateindia.mygov.in/exanation-reforms-nta/
A high-level committee chaired by Dr. K. Radhakrishnan, Former Chairman of ISRO, was constituted on June 22, 2024.
Comprising members from government organizations, academia, and higher educational institutions, the committee aims to recommend reforms in the examination…
— Ministry of Education (@EduMinOfIndia) June 28, 2024
आपको बता दें कि नीट परीक्षा में हुई धांधली के बाद देश भर में जारी विवाद के बीच केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नीट परीक्षा को रद्द कर दिया है। इसके साथ ही इस पूरे मामले की जांच के लिए 22 जून को इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. के. राधाकृष्णन के नेतृत्व 7 सदस्यीय एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। यह समिति पूरे मामले की जांच के बाद दो महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। यह समिति एनटीए की मौजूदा डेटा सुरक्षा की प्रक्रियाओं और प्रोटोकॉल का मूल्यांकन करके सुधार के उपाय भी बताएगी। इस समिति के अन्य सदस्यों में एम्स दिल्ली के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया, हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर बी.जे. राव, आईआईटी मद्रास के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर एमेरिटस राममूर्ति के, पीपुल स्ट्रॉन्ग के सह-संस्थापक और कर्मयोगी भारत के बोर्ड सदस्य पंकज बंसल, आईआईटी दिल्ली में डीन प्रोफेसर आदित्य मित्तल और शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव गोविंद जायसवाल शामिल हैं।
गौरतलब है कि नीट परीक्षा में धांधली के विरोध में सड़क से लेकर संसद तक हो हल्ला मचा हुआ है। आज लोकसभा में भी राहुल गांधी समेत विपक्ष के सांसदों ने जोर-शोर से इस मुद्दे को उठाते हुए हंगामा किया। इससे पहले कल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी नीट पेपर लीक का जिक्र करते हुए कहा था कि हाल ही में पेपर लीक की घटनाओं के दोषियों को सजा दिलाने के लिये सरकार प्रतिबद्ध है। परीक्षा में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार ने एक सख्त कानून बनाया है। इस मुद्दे पर दलीय राजनीति से ऊपर उठकर देशव्यापी उपाय करने की आवश्यकता है।