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CAA पर बात करते करते असम के सीएम ने हिन्दुओं को लेकर कह दी बड़ी बात, सोशल मीडिया पर वायरल है वीडियो

असम के सीएम हेमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि ‘‘दुनिया में कहीं भी रह रहे प्रत्येक हिंदू को वहां समस्या होने पर भारत आने का अधिकार है।’’ सरमा ने कहा कि भारत हिंदुओं का है और यह उनका अपना प्राकृतिक घर है। उन्होंने कहा, ‘‘यह सनातन का और हिंदू सभ्यता का देश है।’’

नई दिल्ली। असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने विदेश में रहने वाले हिन्दुओं को लेकर एक बड़ी बात कहीं है। एक समिट में पहुंचे असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया में कहीं भी रह रहे हिंदुओं को अगर वहां समस्‍या है तो उन्‍हें भारत आने का अधिकार है। सरमा ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि देश जिन समस्याओं का सामना कर रहा है उनमें से ज्यादातर के लिए सिर्फ एक परिवार जिम्मेदार है। असम के सीएम ने कहा कि मुस्लिम नेताओं को अपने समुदाय के लोगों से मदरसों को बंद करने के लिए कहना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपने यहां सरकारी मदरसों की फंडिंग बंद कर दी है। इन मदरसों में चिकित्सा केंद्र एवं ऐसे स्कूल खोले जाने चाहिए जहां सभी छात्र पढ़ाई कर सकें।

‘‘यह सनातन का और हिंदू सभ्यता का देश है।’’

एक चैनल के कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे असम के सीएम हेमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि,  ‘‘दुनिया में कहीं भी रह रहे प्रत्येक हिंदू को वहां समस्या होने पर भारत आने का अधिकार है।’’ सरमा ने कहा कि भारत हिंदुओं का है और यह उनका अपना प्राकृतिक घर है। उन्होंने कहा, ‘‘यह सनातन का और हिंदू सभ्यता का देश है।’’ इस दौरान असम के मुख्यमंत्री कांग्रेस और टीएमसी पर भी हमला बोला।

चुनाव हारने के बाद ममता बनर्जी का राजनीतिक अस्तित्व समाप्त

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा विपक्ष को एकजुट कर बीजेपी का सामना करने के सवाल पर असम मुख्यमंत्री ने कहा कि, “जब एक नेता अपना चुनाव हार जाता है तो उसकी पार्टी भी चुनाव हार जाती है। ममता बनर्जी के अपनी विधानसभा सीट हारने के बाद, मेरे अनुसार उनका राजनीतिक अस्तित्व समाप्त हो गया है।’’ उन्होंने आगे कहा कि यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी से चुनाव हार जाते तो कोई भी भाजपा की जीत के बारे में बात नहीं करता।

पूर्वोत्तर में हुए तीन बड़े बदलाव 

पूर्वोत्तर राज्यों पर अपनी बात रखते हुए हेमंत बिस्वा सरमा ने कहा पिछले पांच सालों में पूर्वोत्तर के राज्यों में कनेक्टिविटी बहुत ज्यादा बढ़ी है। दूसरी, शांति है। पहले हिंसा होती थी। तीसरी बात, इन राज्यों के लोगों में अब अलगाववाद की भावना नहीं है। पूर्वोत्तर के राज्यों तक भारत पहुंच गया है। पिछले पांच सालों में सभी क्षेत्रों में काफी विकास हुआ है।