कोलकाता। लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी दलों ने इंडिया गठबंधन बना लिया। तय ये हुआ कि सीटों का बंटवारा होगा और बीजेपी के उम्मीदवारों के खिलाफ हर सीट पर विपक्ष का एक ही उम्मीदवार होगा, लेकिन सीटों के इसी बंटवारे पर ग्रहण लगता दिख रहा है। लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान अगले महीने होना है, लेकिन विपक्षी दलों का इंडिया गठबंधन अभी तय नहीं कर सका है कि कौन सी सीट किस पार्टी को मिलेगी। वहीं, पश्चिम बंगाल में टीएमसी सुप्रीमो और सीएम ममता बनर्जी भी कांग्रेस को 2 से ज्यादा सीटें देने पर राजी नहीं हैं। ममता बनर्जी अलग-अलग जिलों के टीएमसी पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रही हैं। पिछले दिनों उन्होंने मुर्शिदाबाद जिले के पदाधिकारियों से बात की थी। अब उन्होंने बीरभूम जिले के पदाधिकारियों से लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा की है।
हिंदी अखबार दैनिक हिंदुस्तान की खबर के मुताबिक बीरभूम के टीएमसी पदाधिकारियों को ममता बनर्जी ने बंद कमरे में हुई बैठक में कहा है कि वे जिले की 2 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी करें। अखबार ने टीएमसी के वरिष्ठ नेता के हवाले से बताया है कि बैठक में ममता ने बीरभूम टीएमसी नेताओं से कहा कि कांग्रेस की तरफ से 10-12 सीटें मांगना अनुचित है। इस नेता ने ये भी बताया कि बैठक में ममता बनर्जी ने सीटों के बंटवारे में देरी के लिए कांग्रेस की आलोचना भी की। पश्चिम बंगाल में लोकसभा की 42 सीटें हैं और 2019 में टीएमसी ने 22 सीटें जीती थीं। वहीं, बीजेपी ने 18 और कांग्रेस ने 2 सीटों पर ही जीत हासिल की थी। इसी वजह से ममता कांग्रेस को यही दो सीटें देना चाहती हैं।
इससे पहले खबर ये थी कि ममता बनर्जी कांग्रेस को 3 सीटें देने पर राजी हैं, लेकिन इसके एवज में मेघालय में 1 और असम में 2 लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारना चाहती हैं। जबकि, कांग्रेस का इरादा असम में सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का है। अब ये लग रहा है कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी और कांग्रेस के बीच सीटों का बंटवारा फंस सकता है। अगर राज्य में कांग्रेस और टीएमसी सभी सीटों पर लड़ीं, तो इससे इंडिया गठबंधन को झटका जरूर लगेगा।