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Gyanvapi Mosque Case: ज्ञानवापी मामले में SC में हिंदू पक्ष की बड़ी ‘जीत’, शिवलिंग को संरक्षित रखने का आदेश रखा बरकरार

अब कोर्ट के निर्देश के बिना कोई भी शिवलिंग को कोई छूएगा नहीं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को छूट दी है कि वह जिला अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं। जिला जज तय करेंगे कि मामले की सुनवाई की प्रक्रिय़ा कैसी होनी चाहिए। उधर, हिंदू पक्ष को कोर्ट की तरफ से अपना फैसला रखने के लिए तीन हफ्ते का समय दिया गया है।

नई दिल्ली। ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर आज चर्चाओं का बाजार गुलजार है। यह जानकर हैरत में मत पड़िएगा कि मामले को लेकर एक नहीं, दो नहीं, बल्कि तीन-तीन अदलतों में सुनवाई का सिलसिला शुरू हो चुका है। सुप्रीम कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट सहित जिला अदालत में सुनवाई हुई। हालांकि, जिला जज अजय कुमार विश्वेष की अदालत ने मामले की सुनवाई आगामी 5 दिसंबर की मुकर्रर की है। वहीं, कोर्ट ने कथित शिवलिंग के संरक्षण के आदेश को आगे बढ़ा दिया है। जिसे हिंदू पक्ष के हक में माना जा रहा है।

अब कोर्ट के निर्देश के बिना कोई भी शिवलिंग को कोई छूएगा नहीं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को छूट दी है कि वह जिला अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं। जिला जज तय करेंगे कि मामले की सुनवाई की प्रक्रिय़ा कैसी होगी। उधर, हिंदू पक्ष को कोर्ट की तरफ से अपना फैसला रखने के लिए तीन हफ्ते का समय दिया गया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वाराणसी के सिविल कोर्ट में दाखिल है, उसे डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में ट्रांसफर करने को लेकर डिस्ट्रिक्ट जज के समक्ष अर्जी दाखिल करें। अब जिला जज ही तय करेंगे कि इन सभी मालमों पर सुनवाई की तारीख कब की जानी है।

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आपको बता दें कि अगस्त 2021 में पांच महिलाओं ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर श्रृंगार गोरी में पुजन और विग्रहों की सुरक्षा की मांग की थी। जिसके बाद सिविल जज सीनियर रवि कुमार दिवाकर ने सर्वे कराने का निर्देश दिया था। हिंदू पक्ष का दावा है कि सर्वे में शिवलिंग प्राप्त हुआ है। वहीं, मुस्लिम पक्ष का कहना है कि वह शिवलिंग नहीं है, बल्कि फव्वारा है, जिसका उपयोग वजु करने के लिए किया जाता था। जिसके बाद कार्बन डेटिंग कराए जाने का निर्देश दिया गया था, ताकि इस बात का पता लग सकें कि आखिर शिवलिंग है यह फव्वार है, लेकिन हिंदू पक्ष ने हमेशा ही कार्बन डेटिंग का विरोध किया। हिंदू पक्ष का कहना है कि कार्बन डेटिंग से शिवलिंग को नुकसान पहुंच सकता है। लिहाजा कार्बन डेटिंग का आदेश ना दिया जाए। बता दें कि  बीते दिनों कोर्ट ने कथित शिवलिंग का कार्बन डेटिंग कराए जाने से साफ इनकार कर दिया था। बहरहाल, वर्तमान में पूरा मामला कोर्ट में विचाराधीन है। आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।