नई दिल्ली। विज्ञान की दुनिया में विफलता नामक किसी भी शब्द का अस्तित्व नहीं है। यह शब्द विज्ञान की दुनिया में अर्थहीन माना जाता है। हम यहां विफलताओं के संदर्भ में ऐसी भूमिका इसलिए रच रहे हैं, क्योंकि साल 2019 में चंद्रयान-2 की विफलता के बाद लगातार विफलता पर अत्याधिक बल दिया जा रहा था, लेकिन इसरो के वैज्ञानिक स्पष्ट कर चुके हैं कि हम विफल नहीं हुए हैं। वैज्ञानिकों ने कहा कि अब हम अपनी पुरानी गलतियों से सीखकर कीर्तिमान स्थापित करने का संकल्प ले चुके हैं। लिहाजा अपने मिशन को पुरा करने के मकसद इसरो ने बीते 14 जुलाई को चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग की थी।
चंद्रयान -3 निर्धारित 39 दिनों की यात्रा संपन्न करने के बाद आज भारतीय समयनुसार 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करेगा। दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करने का मुख्य मकसद यह है कि वैज्ञानिक यहां जीवन की संभावना तलाशने की कोशिश कर रहे हैं।
बता दें कि चंद्रयान-3 अब तक अपने सभी पड़ावों को सफलतापूर्वक पूरा कर चुका है। अब पूरे देश की उस पल पर निगाहें टिकी हुई हैं, जब यह चंद्रयान चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करेगा। वहीं, इस रिपोर्ट में हम आपको इसको के अंदर की तस्वीरें दिखाने जा रहे हैं।
आप इन तस्वीरों में देख सकते हैं कि कैसे वैज्ञानिक अपनी-अपनी गतिविधियों को संपन्न करने में जुटे हुए हैं। तस्वीरों में वैज्ञानिकों द्वारा की जा रही मेहनत को साफ देखा जा सकता है। इसरो कार्यालय में वैज्ञानिकों के बीच अभी उत्साह, उमंग और कह सकते हैं कि कमोबेश तनाव का भी माहौल है। सभी को उस पल का इंतजार है, जब चंद्रयान -3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड कर चुका होगा। इस बीच कई वैज्ञानिकों ने चंद्रयान -19 की विफलता पर भी चर्चा की थी। बहरहाल, अब चंद्रयान-3 की आगामी राह कैसी रहती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।