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पुलिस को कैसे मस्जिदों में छिपे तबलीगी जमात के सदस्यों का पता चला, कहां से मिला सुराग ?

कोरोना वायरस के बारे जानने में और भी अधिक देर हो जाती। लेकिन किस्मत से तेलंगाना में कुछ इंडोनेशियाई नागरिक मिल गए थे जो कोरोना वायरस से संक्रमण से प्रभावित थे।

नई दिल्ली। तबलीगी जमात की दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज़ में हुई सभा के बाद कोरोनावायरस के केसों में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। मगर अभी तक लोगों के दिमाग में ये सवाल है कि आखिर चेतावनी और दिशानिर्देशों के बावजूद भी इतने लोग अंदर कैसे मौजूद थे। वहीं इनके वहां से 29 मार्च की रात को निकाले जाने के बाद एक और सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर इससे पहले जो बाकी लोग यहां से निकले थे वो कहां छिपे हुए हैं ये सुराग कैसे लगा ?

दरअसल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्र ने इस विषय में जानकारी देते हुए बताया कि तबलीगी जमात के सदस्यों में भंयकर रूप से फैले कोरोना वायरस के बारे जानने में और भी अधिक देर हो जाती। लेकिन किस्मत से तेलंगाना में कुछ इंडोनेशियाई नागरिक मिल गए थे जो कोरोना वायरस से संक्रमण से प्रभावित थे।

काफी मशक्कत और काफी देर तक चली गहन पूछताछ के बाद जानकारी मिली कि बड़ी संख्या में तबलीगी जमात के सदस्य हजरत निजामुद्दीन स्थित मरकज के अंदर अभी तक मौजूद हैं। लेकिन किसी भी तरह की कोई सटीक जानकारी नहीं होने के चलते दिल्ली सरकार के स्वास्थ्यकर्मी भवन में दाखिल नहीं हो सके थे।

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लेकिन जब इसी दौरान तेलंगाना में फिर से कुछ और पॉजिटिव केस मिल गए। इसके बाद इन सभी पॉजिटिव पाए गए लोगों का दिल्ली के मरकज से कनेक्शन होने की बात सामने आई। इसी के बाद ही दिल्ली पुलिस की मदद से मरकज के अंदर मौजूद बाकी लोगों को भी बड़ी मशक्कत के साथ बाहर निकाला गया।

मशक्कत क्या हुई ये भी समझ लीजिये-

दरअसल दिल्ली के अधिकारी मंत्रालय से निर्देश मिलने के बाद से ही लगातार मरकज़ के अंदर घुसने के प्रयास कर रहे थे लेकिन हर बार मरकज़ के अंदर मौजूद लोग यही कहकर उन्हें वापस कर देते थे कि भीतर कोई भी नहीं है।

इसके बाद पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया से मिले कुछ इनपुट्स के आधार पर ये पता चला कि अंदर अब भी भारी संख्या में लोग मौजूद थे तब जाकर पुलिस को अपनी कार्रवाई मजबूती से करनी पड़ी। तब कहीं जाकर इन लोगों को बाहर निकाला जा सका।