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Russia-Ukraine crisis: रूस और यूक्रेन के युद्ध से कैसे बदलेंगे समीकरण? चीन की क्या होगी रणनीति… जानें रक्षा विशेषज्ञ की राय

Russia-Ukraine crisis: रक्षा विशेषज्ञ बताते है कि दोनों देशों के साथ भारत के अच्छे संबंध है। भारत के रूस -अमेरिका और यूक्रेन के साथ रिलेशनशिप अच्छे है। अगर लड़ाई होती है तो भारत को बहुत प्रॉब्लम आएगी, क्योंकि भारत एक न्यूट्रल चांस लेना चाहता है।

नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच महीनों से बना तनाव का माहौल आखिरकार गुरुवार को युद्ध में तब्दील हो गया। यूक्रेन-रूस में तनाव के बीच राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सैन्य कार्रवाई का आदेश दे दिया है। इसके बाद यूक्रेन में सभी लोग घबराये हुए हैं। वहीं रुस और यूक्रेन के युद्ध का असर ग्लोबल स्तर पर पड़ेगा। अमेरिका द्वारा प्रतिबंध और धमकी देने के बावजूद पुतिन की सेना ने यूक्रेन पर हमला बोल दिया। वहीं चीन फिलहाल शांत है, अभी तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है लेकिन इस बीच इस बात पर कयास लग रहे हैं कि विश्व के दूसरे हिस्से में कहीं लड़ाई ना छिड़ जाये, कहीं चीन ताइवान पर हमला ना बोल दें। वहीं रूस और यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध को लेकर चीन समेत अन्य देशों पर इसका क्या असर पड़ेगा। क्या यूक्रेन के खिलाफ युद्ध छेड़कर रूसी राष्ट्रपति पुतिन दुनिया की तस्वीर बदलने वाले हैं? क्या इस युद्ध के बाद अन्य देशों की भी हिम्मत बढ़ेगी? इसी मसले पर तमाम रक्षा विशेषज्ञ ने अपनी राय रखी है।

न्यूज चैनल आज तक पर रक्षा विशेषज्ञ Maj Gen (Retd.) AK Siwach ने बताया कि, रूस को इस युद्ध से प्रभाव नहीं पड़ने वाला है क्योंकि रूस को इस तरह के पाबंदी की आदत है क्योंकि चीन रूस को मार्केट देता है और मदद भी करता है चीन को रूस आयल और गैस बेचेगा। इसका मतलब है कि यूरोपियन देशों और अमेरिका की तरफ से उसका कोई खास असर नहीं पड़ेगा। आगे वो कहते है कि चीन एक निगेटिव रोल अदा करेगा। चीन-रूस की इकॉनोमिकली मदद करेगा। वहीं ये भी कहते है कि जहां पूरी दुनिया का ध्यान रूस-यूक्रेन की तरफ है वहीं चीन कही ताइवान पर हमला नहीं बोल दे और ये बात यूरोपियन देशों और अमेरिका को भी पता है।

वहीं रक्षा विशेषज्ञ बताते है कि दोनों देशों के साथ भारत के अच्छे संबंध है। भारत के रूस -अमेरिका और यूक्रेन के साथ रिलेशनशिप अच्छे है। अगर लड़ाई होती है तो भारत को बहुत प्रॉब्लम आएगी, क्योंकि भारत एक न्यूट्रल चांस लेना चाहता है। आगे  वो जानकारी देते है कि अगर भारत अमेरिका के साथ गया तो चीन रूस के साथ मिल जाएगा। जहां चीन ताइवान में तो बहुत कुछ कर सकता है वहीं लद्दाख में भी बड़ा कर सकता है। इसलिए भारत की जो स्थिति है वो बहुत नाजुक है।