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Uddhav Thakerey: ‘मोदी जी, हम आपके दुश्मन नहीं थे और नहीं हैं’, उद्धव ठाकरे ने जनसभा में बीजेपी पर निशाना साधा, लेकिन पीएम पर बोल बदले नजर आए

Uddhav Thakerey: हालांकि, बीजेपी पर निशाना साधते हुए ये भी कहा कि मुझे डर है कि अगर सत्ता में बैठे राक्षस फिर चुने गए, तो अगला गणतंत्र दिवस हमारे सामने कभी नहीं आएगा। ये तानाशाह दिवस होगा। उद्धव ठाकरे और बीजेपी ने मिलकर पिछली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा था।

सावंतवाड़ी। शिवसेना-यूबीटी के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के कोंकण इलाके में रविवार को एक जनसभा की। इस जनसभा में उन्होंने बीजेपी पर निशाना तो साधा, लेकिन साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी का नाम लेते हुए उद्धव ठाकरे के सुर कुछ अलग सुनाई दिए। उद्धव ठाकरे ने जनसभा में ये भी कहा कि वो मोदी के दुश्मन नहीं हैं। हालांकि, बीजेपी पर निशाना साधते हुए ये भी कहा कि मुझे डर है कि अगर सत्ता में बैठे राक्षस फिर चुने गए, तो अगला गणतंत्र दिवस हमारे सामने कभी नहीं आएगा। ये तानाशाह दिवस होगा।

उद्धव ने इस जनसभा में कहा कि मैं मोदी जी को बताना चाहता हूं कि हम कभी भी आपके दुश्मन नहीं थे। आज भी दुश्मन नहीं हैं। हम और शिवसेना आपके साथ थी। उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमने पिछली बार गठबंधन के लिए प्रचार किया था। शिवसेना-यूबीटी के अध्यक्ष ने कहा कि मोदी जी आप पीएम इसलिए बने क्योंकि विनायक राउत जैसे हमारे सांसद चुने गए। फिर उद्धव ने कहा कि लेकिन बाद में आपने (मोदी ने) हमें खुद से दूर कर दिया। उन्होंने कहा कि हमारा हिंदुत्व और भगवा ध्वज आज भी कायम है, लेकिन आज बीजेपी उस भगवा झंडे को फाड़ने की कोशिश कर रही है। उद्धव ठाकरे ने ये भी कहा कि जिन्होंने हमें परेशान किया, उनको इतना कड़ा सबक सिखाया जाएगा कि अगली पीढ़ी को उनका नाम भी याद नहीं रहेगा।

उद्धव ठाकरे ने जिस तरह नरम-गरम अंदाज में जनसभा को संबोधित किया, उससे ये सवाल उठ रहा है कि क्या एक बार फिर वो बीजेपी के साथ जाने के लिए तैयार हैं? जबसे बीजेपी से उद्धव ठाकरे का नाता टूटा है, तबसे पहली बार उन्होंने पीएम मोदी के लिए आक्रामक शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया। हालांकि, बीजेपी पर वो निशाना साधते नजर आए। बता दें कि 2019 में महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना ने मिलकर लोकसभा का चुनाव लड़ा था, लेकिन बाद में विधानसभा चुनाव हुआ, तो शिवसेना की तरफ से उद्धव ठाकरे को सीएम बनाने की मांग की गई। इसी मांग पर बीजेपी से उसका नाता टूट गया था। फिर शिवसेना में टूट हुई और एकनाथ शिंदे ने बीजेपी के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बना ली थी।