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Akhilesh Yadav Vs Congress: अखिलेश यादव और कांग्रेस के बीच खटपट?, राहुल गांधी की यात्रा से दूरी बना सकते हैं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष

Akhilesh Yadav Vs Congress: पहले ममता बनर्जी ने एलान किया कि वो पश्चिम बंगाल में अकेले ही लोकसभा चुनाव लड़ेंगी। पंजाब मेंअरविंद केजरीवाल ने अपने उम्मीदवार उतारने का एलान किया है। नीतीश कुमार भी बीजेपी के साथ जा चुके हैं। जयंत चौधरी ने भी बीजेपी का दामन थामने के लिए कदम बढ़ा दिए हैं।

लखनऊ। विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन में लगातार खटपट बढ़ती ही जा रही है। खटपट की ताजा खबर यूपी से है। जानकारी के मुताबिक समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर तनातनी बढ़ गई है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच तनातनी इतनी है कि अखिलेश यादव अब राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा से दूरी भी बना सकते हैं। जानकारी के मुताबिक अखिलेश यादव चाहते हैं कि राहुल गांधी की न्याय यात्रा से पहले समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे पर समझौता हो जाए। अखिलेश ने इससे पहले कांग्रेस के लिए यूपी में 11 सीटें छोड़ने का एलान किया था।

sonia and rahul gandhi

वहीं, कांग्रेस की तरफ से अखिलेश की तरफ से दी जाने वाली सीटों के मसले पर हामी नहीं भरी गई है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस साल 2009 के लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन के आधार पर यूपी में सीटें चाह रही है। इन सीटों की संख्या 20 से ज्यादा है। वहीं, कई सीटें ऐसी भी कांग्रेस मांग रही है, जिनपर अखिलेश यादव ने बीते दिनों समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों का एलान भी कर दिया है। ऐसे में सीटों का बंटवारा फंसा है और इसी वजह से अखिलेश यादव अब विचार कर रहे हैं कि मसला न सुलझा, तो वो राहुल गांधी की यात्रा में शामिल नहीं होंगे।

mamata banerjee and arvind kejriwal

इंडिया गठबंधन को बीते एक महीने में कई झटके पहले ही लग चुके हैं। पहले ममता बनर्जी ने एलान किया कि वो पश्चिम बंगाल में अपनी पार्टी टीएमसी को अकेले ही लोकसभा चुनाव लड़ाएंगी। वहीं, पंजाब की 13 लोकसभा सीटों पर आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल ने अपने उम्मीदवार उतारने का एलान किया है। नीतीश कुमार भी इंडिया गठबंधन का साथ छोड़कर फिर बीजेपी के साथ जा चुके हैं। वहीं, अखिलेश के साथी रहे राष्ट्रीय लोकदल यानी आरएलडी के जयंत चौधरी ने भी बीजेपी का दामन थामने के लिए कदम बढ़ा दिए हैं। अब अगर अखिलेश यादव और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे पर बात न बनी, तो सबसे ज्यादा 80 सीट वाले यूपी में इंडिया गठबंधन को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।