रायपुर। छत्तीसगढ़ में एक बार फिर सीएम भूपेश बघेल और उनकी सरकार के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के बीच ठन गई। इस बार मामला हसदेव जंगल का है। सिंहदेव ने इस मामले में ऐसे तेवर अपनाए कि बघेल को बैकफुट पर आना पड़ा। बघेल सरकार हसदेव जंगल में पेड़ काटकर कोयला खनन करना चाहती थी। इसका आदिवासी विरोध कर रहे थे। सिंहदेव ने आदिवासियों का साथ देने का एलान किया था। इस पर बघेल ने हालात समझकर पैर पीछे खींच लिए। बघेल ने कहा कि सिंहदेव चाहते हैं तो पड़े क्या, एक डाल तक नहीं कटेगी। गोली चलाने वाले पर ही गोली चलेगी। उधर, बीजेपी नेता बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि हसदेव में 8 लाख पेड़ काटने की योजना थी। अग्रवाल ने कहा कि सिंहदेव को पद से इस्तीफा देकर ये जंग लड़नी चाहिए।
छत्तीसगढ़ कांग्रेस टूट की ओर अग्रसर है, ये व्यक्तव्य इशारों में कुछ यही बयां कर रहा है!@TS_SinghDeo जी, आखिर गोली चलाने वाला वो कौन है, ये भी बता ही दीजिए ? pic.twitter.com/TBPUf7fmvG
— Durgesh Thakur (@CGDurgeshThakur) June 7, 2022
पूरा मामला ये है कि हसदेव जंगल में कोयला है। सीएम भूपेश बघेल यहां कोयला खनन करवाना चाहते थे। इसके लिए बड़े इलाके में पेड़ काटे जाने थे। इसका विरोध वहां की स्थानीय आदिवासी जनता कर रही थी। इस पर सिंहदेव उनके बीच पहुंचे थे। सिंहदेव ने कहा था कि एक राय होइए। फिर कोई बंदूक लेकर आएगा, तो मुझे बुला लीजिएगा। पहली गोली मैं खाऊंगा। सिंहदेव ने ये भी कहा था कि हसदेव जंगल के मसले पर वो पार्टी नेता राहुल गांधी से बात करेंगे। सिंहदेव के इस बयान पर बघेल ने कहा था कि कुछ लोग सियासत कर रहे हैं। कोयला चाहिए, तो खदान चलाना होगा। जो विरोध में हैं, पहले वे अपने घर की बिजली काट दें।
भारतीय जनता पार्टी और उसके नेता @brijmohan_ag यदि सच में विरोध कर रहे हैं तो भारत सरकार से कोल आवंटन रद्द करने की तत्काल मांग करें।
मेरे अग्रज और वरिष्ठ मंत्री @TS_SinghDeo जी क्षेत्रीय विधायक हैं, यदि उनकी सहमति नहीं होगी, तो पेड़ तो छोड़िए, एक टहनी तक नहीं कटेगी। #हसदेव pic.twitter.com/iuTHT8LYDb
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) June 7, 2022
सिंहदेव की तरफ से आदिवासियों का साथ देने पर बघेल ने अब बैकफुट पर आते हुए कहा है कि हसदेव में अब गोली चलाने की नौबत नहीं आने वाली। उन्होंने खदान आवंटन पर बीजेपी पर पलटवार किया। बघेल ने कहा कि खदान आवंटन केंद्र सरकार का काम है। बीजेपी को केंद्र की अपनी सरकार के सामने विरोध जताना चाहिए। बता दें कि इससे पहले भी बघेल और सिंहदेव में एक विधायक की टिप्पणी पर तनातनी हुई थी। बाकायदा सिंहदेव ने विधानसभा में जांच की मांग करते हुए वॉकआउट तक किया था। छत्तीसगढ़ में अगले साल चुनाव है। ऐसे में सिंहदेव और बघेल का टकराव कांग्रेस के लिए मुश्किल का सबब बन सकता है।