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Row Over Forest: छत्तीसगढ़ में मंत्री सिंहदेव से CM भूपेश बघेल की एक बार फिर ठनी, ये है पूरा मामला

पूरा मामला ये है कि हसदेव जंगल में कोयला है। सीएम भूपेश बघेल यहां कोयला खनन करवाना चाहते थे। इसके लिए बड़े इलाके में पेड़ काटे जाने थे। इसका विरोध वहां की स्थानीय आदिवासी जनता कर रही थी। इस पर सिंहदेव उनके बीच पहुंचे थे। सिंहदेव ने आदिवासियों को समर्थन दिया था।

रायपुर। छत्तीसगढ़ में एक बार फिर सीएम भूपेश बघेल और उनकी सरकार के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के बीच ठन गई। इस बार मामला हसदेव जंगल का है। सिंहदेव ने इस मामले में ऐसे तेवर अपनाए कि बघेल को बैकफुट पर आना पड़ा। बघेल सरकार हसदेव जंगल में पेड़ काटकर कोयला खनन करना चाहती थी। इसका आदिवासी विरोध कर रहे थे। सिंहदेव ने आदिवासियों का साथ देने का एलान किया था। इस पर बघेल ने हालात समझकर पैर पीछे खींच लिए। बघेल ने कहा कि सिंहदेव चाहते हैं तो पड़े क्या, एक डाल तक नहीं कटेगी। गोली चलाने वाले पर ही गोली चलेगी। उधर, बीजेपी नेता बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि हसदेव में 8 लाख पेड़ काटने की योजना थी। अग्रवाल ने कहा कि सिंहदेव को पद से इस्तीफा देकर ये जंग लड़नी चाहिए।

पूरा मामला ये है कि हसदेव जंगल में कोयला है। सीएम भूपेश बघेल यहां कोयला खनन करवाना चाहते थे। इसके लिए बड़े इलाके में पेड़ काटे जाने थे। इसका विरोध वहां की स्थानीय आदिवासी जनता कर रही थी। इस पर सिंहदेव उनके बीच पहुंचे थे। सिंहदेव ने कहा था कि एक राय होइए। फिर कोई बंदूक लेकर आएगा, तो मुझे बुला लीजिएगा। पहली गोली मैं खाऊंगा। सिंहदेव ने ये भी कहा था कि हसदेव जंगल के मसले पर वो पार्टी नेता राहुल गांधी से बात करेंगे। सिंहदेव के इस बयान पर बघेल ने कहा था कि कुछ लोग सियासत कर रहे हैं। कोयला चाहिए, तो खदान चलाना होगा। जो विरोध में हैं, पहले वे अपने घर की बिजली काट दें।

सिंहदेव की तरफ से आदिवासियों का साथ देने पर बघेल ने अब बैकफुट पर आते हुए कहा है कि हसदेव में अब गोली चलाने की नौबत नहीं आने वाली। उन्होंने खदान आवंटन पर बीजेपी पर पलटवार किया। बघेल ने कहा कि खदान आवंटन केंद्र सरकार का काम है। बीजेपी को केंद्र की अपनी सरकार के सामने विरोध जताना चाहिए। बता दें कि इससे पहले भी बघेल और सिंहदेव में एक विधायक की टिप्पणी पर तनातनी हुई थी। बाकायदा सिंहदेव ने विधानसभा में जांच की मांग करते हुए वॉकआउट तक किया था। छत्तीसगढ़ में अगले साल चुनाव है। ऐसे में सिंहदेव और बघेल का टकराव कांग्रेस के लिए मुश्किल का सबब बन सकता है।