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Rajasthan: कोटा हादसे में पीएम-राष्ट्रपति ने हादसे पर जताया दुख, विपक्ष ने बताया इसे सरकार की लापरवाही

मुख्यमंत्री कार्यालय के द्वारा इस हादसे में मृतक के ऊपर आश्रित प्रत्येक परिवार को 2 लाख रुपये जबकि यदि एक ही परिवार के दो लोगों की मौत हुई तो उन्हें नियमों में शिथिलता करते हुए अधिकतम 5 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की।

कोटा। दुल्हन जया को ब्याह कर घर लाने के लिए पूरे परिवार सहित अविनाश वाल्मीकि चौथ के बरवाड़ा से उज्जैन की ओर हर्षो उल्लास से रवाना हुए। अविनाश की मां एवं अन्य सगे संबंधी घर पर मंगल गीत गाकर बहु के स्वागत की तैयारी में थी,लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। अविनाश की बारात उज्जैन तो पहुंची ही नहीं बल्कि बीच में भीषण सड़क हादसे का शिकार हो गयी जिसमे अविनाश, उसका भाई केशव, जीजा एवं दो चचेरे भाइयों सहित 9 बारातियों की मौके पर ही मौत हो गयी। 20 फ़रवरी को तड़के सुबह 5-6 बजे के लगभग यह दुखद हादसा हुआ। दूल्हे अविनाश के साथ अन्य 8 को लेकर जा रही अर्टिका कार अनियंत्रित होकर नयापुरा पुलिया से 15 फ़ीट नीचे चम्बल नदी में गिर गयी जिसमे रेस्क्यू करके सभी कार सवारो को गोताखोरों के जरिये निकाला गया और अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सको ने उन्हें जांच के बाद मृत घोषित कर दिया। मुख्यमंत्री कार्यालय के द्वारा इस हादसे में मृतक के ऊपर आश्रित प्रत्येक परिवार को 2 लाख रुपये जबकि यदि एक ही परिवार के दो लोगों की मौत हुई तो उन्हें नियमों में शिथिलता करते हुए अधिकतम 5 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की।

लेकिन इस मामले में एक तरफ लोगों का गुस्सा फूटता नजर आ रहा है तो दूसरी तरफ विपक्ष सत्ता की घोर लापरवाही को ही इस हादसे का जिम्मेदार ठहरा रहा है। कोटा से बीजेपी के विधायक संदीप शर्मा ने सरकार के ऊपर लापरवाही का आरोप लगाया उन्होंने कहा कि” कोटा के मंत्री को जल्द-जल्द शिलापट्टिका लगानी है उसके लिए धड़ल्ले से जल्दबाजी में बिना सुरक्षा मापदंडो के वो कार्य करवा रहे है, उससे हादसे होना तय है। पूरा कोटा खुदा पड़ा है, हर जगह गड्ढे है, आये दिन कार्य करने वाली कम्पनियों को जल्दी कार्य करने के लिए उकसाया जा रहा। उन्हें पेनल्टी का डर दिखाया जा रहा है। कंपनियां आनन-फानन में रोड पर डंपर भेज रहे है कहीं पर भी मटेरियल डलवा रही है इस वजह से रोड जाम है। अभी कुछ दिन पहले ही चम्बल रिवर फ्रंट में हादसे की वजह से तीन मजदूरों की दबकर मौत हो गयी थी। यहां भी यही कारण रहा, चम्बल की दो पुलिया है जिनमे से एक को बंद कर रखा है दूसरी छोटी है, उसी पर पूरा लोड है और वो भी भारी वाहनों की आवाजाही से पूरी तरह क्षतिग्रस्त है। उस पर हमेशा जाम लगा रहता है, पुलिया पर न रैलिंग है न ही कोई सुरक्षा दीवार,और बड़े-बड़े गड्डो को पार पाने के लिए रात्री में लाइट की भी कोई व्यवस्था नहीं, हादसा तो होना ही था। सरकार को इस हादसे के लिए अधिकारियो की जिम्मेदारी तय कर उन पर कड़ी कारवाही करनी चाहिए।”

वहीं बीजेपी कोटा से पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत ने कहा कि”पुलिया पर न रैलिंग है, न ही कोई अन्य सुरक्षा व्यवस्था, पुलिया पूरी तरह क्षतिग्रस्त है लोग मज़बूरी में वहां से निकलते है, वहां हमेशा लम्बा जाम लगा रहता है. पुरे कोटा को हर जगह खोद रखा है,कोई चरणद्ध तरीके से कार्य नहीं किया जा रहा। जहां जाओ वहीं पर जाम मिलता है और बड़े-बड़े गड्ढे, डम्पर ट्रोले। यह हादसे तो होते रहेंगे क्योंकि कहीं पर भी सुरक्षा के मापदंड के तहत कार्य नहीं किया जा रहा है. काम करने वाली कंपनियों को पेनल्टी के नाम से डराया जा रहा है इस वजह से वो सिर्फ खानापूर्ति कर रही है ताकि काम को खत्म किया जाए। कुछ दिन पहले रिवर फ्रंट पर हादसा हुआ और उससे पहले सिटी माल के सामने बन रहे फ्लाईओवर का एक भारी भाग गिर गया। लेकिन इस सरकार को कोई सुध नहीं।”

वहीं लोगो में इस हादसे को लेकर काफी आक्रोश है लोगो का कहना है कि विकास करवाना अच्छी बात है लेकिन कोई चरणबद्ध तरीका तो हो, पुरे कोटा को एक साथ खोद कर पटक दिया, जहां जाओ वहां चलते हुए कार्य कि वजह से लम्बा जाम, धूल, गड्ढे, एक तरफ़ा यातायात। एक भी स्थान नहीं जहाँ से समय पर सुरक्षित घर पहुंच सके। उस एक तरफा यातायात में ही भारी वहां और हल्के वहां साथ निकलते है।

इलक्ट्रोनिक गाड़ी के पानी के संपर्क में आते ही जाम हो गए थे गेट, दूल्हे एवं अन्य 8 बराती तड़पते रहे किन्तु नहीं निकल पाए कार से बाहर

गाड़ी जब नदी में गिरी तो उसका इलक्ट्रोनिक सिस्टम फ़ैल हो गया था जिस वजह से कार के कांच एवं गेट लॉक हो गए. ड्राइवर एवं एक अन्य बराती कांच तोड़कर बाहर तो निकल आये लेकिन काफी देर होने की वजह से बच नहीं पाए। मौके पर पहुंची गोताखोर टीम को लीड कर रहे गोताखोर विष्णु श्रृंगी ने बताया कि” सात शव गाडी में ही थे, जबकि ड्राइवर और एक अन्य बराती ड्राइवर साइड का कांच तोड़ बाहर निकलने में सफल तो हुए लेकिन उनकी लाश भी वहीं पास में ही मिली।

दोनों परिवार में खुशियों की जगह छाया मातम, एक ही मंडप में थी तीन शादी-

इस दर्दनाक हादसे में दोनों परिवार में मातम छा गया.उज्जैन में एक ही परिवार की तीन बेटियों की शादी रविवार को एक ही मंडप में होनी थी। सबसे छोटी बेटी जया की बारात राजस्थान से जबकि बाकी दोनों की मध्यप्रदेश से ही आ रही थी.दुल्हन के पिता सुभाष कलोनिया के घर इस दुखद घटना के बाद बाकि दो बेटियों की तय शादी ग़मगीन माहौल में हुई लेकिन तीसरी बेटी जया को दिन तक इस दुखद हादसे की सुचना नहीं दी गयी, लेकिन रात को दिल पर पत्थर रखकर दुल्हन बनी बेटी जया को इस घटना की सुचना दी एवं विधिअनुसार उसके हाथो से कंगन उतरवाए एवं गणेश जी से माफ़ी मांग, शादी को रद्द किया। जया की सगाई अभी 6 महीने पहले ही हुई थी।

प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति एवं लोकसभा अध्यक्ष ने हादसे पर जताया शोक

प्रधानमंत्री कार्यलय के ट्विटर अकाउंट से हादसे में पीड़ित परिवार के प्रति प्रधानमंत्री मोदी ने सवेंदनाये प्रकट की, उन्होंने ट्वीट में कहा कि”राजस्थान के कोटा में हुआ हादसा अत्यंत पीड़ादायक है,इसमें जिन लोगो को अपनी जान गंवानी पड़ी है, उनके परिजनों के प्रति में अपनी संवेदनाए प्रकट करता हूं। ईश्वर उन्हें इस अपर दुःख को सहन करने की शक्ति दे” इसके अलावा पीएमओ ऑफिस से ट्वीट के माध्यम से इस हादसे में जान गंवाने वाले के ऊपर आश्रित प्रत्येक परिवार को 2 लाख रुपये एवं घायल को 50 हजार रुपये की आर्थिक मदद की घोषणा की है। इसके अलावा कल राष्ट्रपति कोविंद एवं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी ट्वीट कर इस घटना पर शोक प्रकट किया था।

राजस्थान में दो साल के भीतर नदी में डूबने की तीसरी बड़ी घटना, 46 जनों की हुई मौत लेकिन प्रशासन नहीं ले रहा कोई सुध-

दो साल पहले इसी तरह का भयानक हादसा हुआ था। इसी हादसे वाले स्थान से 40-50 किलोमीटर दूर बूंदी जिले में मेज नदी पर बस डूबने से 24 लोगों की जान चली गयी थी, इसके अलावा सितम्बर माह में ही नजदीकी खातौली के पास इसी चम्बल नदी में नाव पलटने से 13 जनों की जान चली गई।और अब 9 यहां इन सबके बावजूद प्रशासन कोई सुध नहीं ले रहा, नदियों के ऊपर बने पुल खस्ताहाल में है, न रेलिंग होती है न ही रोड लाइट। ट्रैफिक को कंट्रोल करने की कोई व्यवस्था नहीं होती,सब राम भरोसे चलता है.ऐसे में थोड़ी सी भी लापरवाही हादसे को निमंत्रण दे देती है।