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Raid: इत्र कारोबारी पीयूष जैन से अब पूछताछ करेगी DRI, घर से मिला विदेशी मुहर वाला सोना

पीयूष जैन के कानपुर और कन्नौज के घरों पर इनकम टैक्स और जीएसटी की रेड सोमवार रात को खत्म हो गई। इस छापे में 177.45 करोड़ की नकदी कानपुर से मिली। जबकि, कन्नौज के चार घरों और वहां के तहखानों से 17 करोड़ नकद, साढ़े 11 करोड़का 23 किलो सोना, 6 करोड़ कीमत का 600 किलो चंदन का तेल भी बरामद किया गया।

कन्नौज/कानपुर। सपा मुखिया अखिलेश यादव के कथित करीबी इत्र व्यापारी पीयूष जैन के कानपुर और कन्नौज के घरों पर इनकम टैक्स और जीएसटी की रेड सोमवार रात को खत्म हो गई। इस छापे में 177.45 करोड़ की नकदी कानपुर से मिली। जबकि, कन्नौज के चार घरों और वहां के तहखानों से 17 करोड़ नकद, साढ़े 11 करोड़का 23 किलो सोना, 6 करोड़ कीमत का 600 किलो चंदन का तेल भी बरामद किया गया। कुल मिलाकर छापे में 211.95 करोड़ रुपए की चल संपत्ति मिली। जबकि, अचल संपत्ति के तमाम कागजात पीयूष जैन के ठिकानों से बरामद किए गए। छापे उसके मुंबई के घर और दफ्तर पर भी मार गए थे। वहीं, समाजवादी पार्टी का कहना है कि पीयूष जैन से उसका कोई लेना-देना नहीं है और समाजवादी इत्र बनाने वाले पुष्पराज जैन हैं। सपा का दावा है कि पुष्पराज का पीयूष जैन से कोई लेना-देना नहीं है।

Andhra Pradesh CID raided

छापामार टीम के मुताबिक पीयूष जैन के घर से जो सोना मिला है, उसमें विदेशी मुहर लगी है। इस वजह से इस मामले की जानकारी डायरेक्ट्रेट आफ रेवन्यू इंटेलीजेंस यानी DRI को भी भेजी गई है। मामले की जांच के लिए इनकम टैक्स और डीआरआई की बड़ी टीमें अब कानपुर और कन्नौज पहुंचेंगी। छापामार टीम को लग रहा है कि सोना तस्करी के रास्ते विदेश से लाया गया। इस मामले की जांच अब ईडी को भी सौंपी जा सकती है। पीयूष जैन को सोमवार को कोर्ट में पेश किया गया था। वहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। अब जीएसटी इंटेलिजेंस की टीम उसकी रिमांड के लिए कोर्ट में अर्जी दे सकती है। सारी संपत्तियों की भी गहनता से जांच कराई जाएगी। पीयूष के ठिकानों से मिली रकम को स्टेट बैंक में जमा कराया गया है।

जीएसटी इंटेलिजेंस और इनकम टैक्स के छापामार दस्तों ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि पीयूष ने प्राथमिक पूछताछ के दौरान माना है कि बरामद नकदी और अन्य सामान उसी के हैं। उसके बयान को धारा 70 के तहत दर्ज कराया गया है। छापा मारने वाले दस्ते के लोगों ने इससे पहले हैरानी जताई थी कि नोटबंदी के बाद किस तरह इत्र कारोबारी इतनी संपत्ति इकट्ठा करने में सफल रहा। इसे जानने के लिए भी रिमांड लेकर पूछताछ की तैयारी की जा रही है।