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एक और उपलब्धि, ‘मीठी क्रांति’ के जरिए दुनिया के पांच बड़े शहद उत्पादक देशों में शामिल हुआ भारत…

कृषि मंत्री ने कहा कि वर्ष 2005-06 की तुलना में अब शहद उत्पादन 242 प्रतिशत बढ़ गया है वहीं इसके निर्यात में 265 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने में मधुमक्खी पालन बहुत सहायक साबित हो सकता है।

नई दिल्ली। कोरोना महासंकट के बीच भारत ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। भारत विश्व के पांच सबसे बड़े शहद उत्पादक देशों में शामिल हो गया है। सरकार ने इसकी जानकारी दी है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि भारत ने विश्व के पांच सबसे बड़े शहद उत्पादक देशों में स्थान बनाया है। देश में शहद का उत्पादन 2005-06 की तुलना में 242 प्रतिशत बढ़ा है। केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार मधुमक्खी पालन को बढ़ावा दे रही है और सरकार द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत मधुमक्खी पालन को और बढ़ावा देने के लिए 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

देश में मधुमक्खी पालकों की मेहनत से, विश्व में शहद के पांच सबसे बड़े उत्पादकों में भारत का नाम शुमार हुआ है। कृषि मंत्री ने कहा कि वर्ष 2005-06 की तुलना में अब शहद उत्पादन 242 प्रतिशत बढ़ गया है वहीं इसके निर्यात में 265 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने में मधुमक्खी पालन बहुत सहायक साबित हो सकता है। मंत्रालय की यहां जारी विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है।

narendra singh tomar

कृषि मंत्री ने यह बात राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) द्वारा मीठी क्रांति और आत्मनिर्भर भारत विषय पर आयोजित वेबिनार में कही। इस वेबिनार का आयोजन एनसीडीसी ने राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड, पश्चिम बंगाल सरकार, उत्तराखंड सरकार और शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कश्मीर के साथ मिलकर किया था।

Honey Production

तोमर ने कहा कि शहद उत्पादन और इसके निर्यात में वृद्धि से यह प्रदर्शित हो रहा है कि इस काम से किसान लाभान्वित हो रहे हैं, उनके जीवनस्तर में बदलाव आ रहा है और उनकी आमदनी भी बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि मधुमक्खी पालन के प्रशिक्षण के लिए चार मॉड्यूल बनाए गए हैं, जिसके माध्यम से देश में 30 लाख किसानों को प्रशिक्षण दिया गया है और उन्हें अन्य सहायता भी उपलब्ध कराई गई है। तोमर ने कहा कि मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए गठित समिति की सिफारिशों के आधार पर भी सरकार आगे काम कर रही है।