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Straight Talk: चीन के विदेश मंत्री को भारत ने बैरंग लौटाया, कहा- पहले सैनिक हटाओ तब रिश्ते सुधरेंगे

चीन के विदेश मंत्री से डोभाल ने कहा कि वो चीन भी आने के लिए तैयार हैं, लेकिन कम्युनिस्ट सरकार को अपने कदमों से साफ करना होगा कि वो भारत के साथ रिश्ते सुधारना चाहती है। वहीं, जयशंकर ने कहा कि मैंने राष्ट्रीय भावना के बारे में चीन के विदेश मंत्री को बताया।

नई दिल्ली। भारत ने चीन से साफ कह दिया है कि एलएसी से उसके सैनिकों की वापसी के बिना दोनों देशों के रिश्ते सामान्य नहीं हो सकते। पाकिस्तान और फिर काबुल होकर दिल्ली पहुंचे चीन के विदेश मंत्री वांग यी से ये बात विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार NSA अजित डोभाल ने कही। जयशंकर और डोभाल ने वांग यी से कहा कि जब तक लद्दाख में एलएसी से सैनिकों की पूरी तरह वापसी नहीं हो जाती और साल 2020 से पहले की स्थिति बहाल नहीं होती, भारत और चीन के रिश्ते सामान्य नहीं हो सकते। चीन के विदेश मंत्री ने रिश्तों में सुधार के लिए तीन सुझाव दिए थे, लेकिन उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ रहा है।

ajit dobhal..

चीन के विदेश मंत्री से सबसे पहले अजित डोभाल ने करीब 1 घंटे बात की। वांग यी ने डोभाल से दोनों देशों के रिश्तों का मुद्दा उठाया। इस पर डोभाल ने कहा कि वो चीन भी आने के लिए तैयार हैं, लेकिन कम्युनिस्ट सरकार को अपने कदमों से साफ करना होगा कि वो भारत के साथ रिश्ते सुधारना चाहती है। वहीं, जयशंकर और वांग के बीच करीब 3 घंटे चली बैठक के बाद जयशंकर ने कहा कि मैंने ईमानदारी से भारत की राष्ट्रीय भावना के बारे में चीन के विदेश मंत्री को बताया। उनसे कहा कि हम रिश्ते सुधारने के लिए अगर काम करना चाहते हैं, तो ये हमारी कोशिश में भी गंभीरता से दिखनी चाहिए।

PM Modi and jinping

बता दें कि जयशंकर और वांग यी गलवान मामले और चीन की घुसपैठ की कोशिश के बाद तीन बार रूस और ताजिकिस्तान में भी मिले थे। जयशंकर ने पहले भी वांग यी से कहा था कि सीमा विवाद सुलझाने के लिए दोनों देशों के विदेश मंत्रालय और सैन्य कमांडर बातचीत तो कर रहे हैं, लेकिन उसकी रफ्तार सुस्त है। उधर, दिल्ली में हुई बैठक में चीन ने तीन प्रस्ताव रखे हैं। इनमें से एक दीर्घकालिक लक्ष्यों के साथ द्विपक्षीय रिश्तों को आगे बढ़ाने, दूसरा विकास का फायदा लेने और तीसरा भारत को बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव का विरोध छोड़ कर इसमें सहयोग करने पर है।