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US Shunned: भारत ने अमेरिका के दबाव को दिखाया ठेंगा, वित्त मंत्री बोलीं- हम रूस से लेते रहेंगे कच्चा तेल

सीतारमण ने कहा कि भारत सरकार अपने देश का हित हमेशा ध्यान रखती है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत पहले अपनी ऊर्जा सुरक्षा को ध्यान में रखेगा। अगर कोई सस्ते में कच्चा तेल दे रहा है, तो हम भला उसे क्यों न खरीदें।

नई दिल्ली। भारत ने अमेरिका और पश्चिमी देशों से साफ कह दिया है कि वो रूस से कच्चा तेल खरीदना जारी रखेगा। इससे पहले अमेरिका के उप रक्षा सलाहकार दिलीप सिंह ने संकेतों में कहा था कि अगर भारत, रूस से कच्चा तेल खरीदना जारी रखता है, तो उसे दिक्कत हो सकती है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि अगर चीन कभी भारत पर हमला करता है, तो रूस उसकी मदद के लिए नहीं आएगा। इसी के जवाब में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिका को खरी-खरी सुनाई है। खास बात ये है कि रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के भारत दौरे के वक्त वित्त मंत्री ने ये बात कही।

INDIA AND RUSSIA

वित्त मंत्री ने पत्रकारों के सवालों पर कहा कि हम रूस से तेल खरीद रहे हैं और काफी संख्या में कच्चे तेल के बैरल आयात किए हैं। उन्होंने कहा कि अभी रूस से तीन-चार दिन की खपत के जितना कच्चा तेल खरीदा गया है। सीतारमण ने कहा कि भारत सरकार अपने देश का हित हमेशा ध्यान रखती है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत पहले अपनी ऊर्जा सुरक्षा को ध्यान में रखेगा। अगर कोई सस्ते में कच्चा तेल दे रहा है, तो हम भला उसे क्यों न खरीदें। इससे पहले पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि अगले तीन-चार महीने के लिए रूस से कच्चा तेल खरीदने का सौदा हुआ है। रूस से अमेरिका और पश्चिमी देश कच्चा तेल नहीं खरीद रहे। इस पर रूस ने भारत को प्रति बैरल 35 डॉलर सस्ते में कच्चा तेल देने का ऑफर दिया और भारत ने उससे सौदा कर लिया। बता दें कि भारत अपनी जरूरत का 85 फीसदी कच्चा तेल आयात करता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल अभी 100 डॉलर के आसपास है।

Finance Minister Nirmala Sitharaman

इस बीच, खबर ये भी है कि रूस ने सामान की खरीद के लिए लेन-देन के जिस नए सिस्टम को अपनाने का प्रस्ताव भारत को दिया है, उस पर भी काम शुरू हो चुका है। रूस को पश्चिमी देशों ने लेन-देन के अंतरराष्ट्रीय स्विफ्ट सिस्टम से हटा दिया है। ऐसे में रूस ने ऐसा प्रस्ताव भारत को दिया है कि रूसी मुद्रा रूबल भारत के बैंक में जमा कराया जाएगा। इसे रुपए में बदला जाएगा और इसी तरह रुपए को रूसी बैंक में जमा कराया जाएगा और उसे रूबल में बदला जाएगा। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कल पीएम मोदी से मुलाकात के बाद कहा था कि भारत हमारा पुराना दोस्त है और वो जो भी चाहेगा, रूस वो उपलब्ध कराएगा।