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ड्रैगन को काबू करने के बाद अब भारत-पाक बॉर्डर पर होगी शांति बहाल, दोनों देशों के DGMO के बीच हुई वार्ता

India-Pakistan: चीन को काबू करने के बाद अब पाकिस्तान की अक्ल ठिकाने आते दिख रही है। जिस तरह से भारत ने LAC पर चीन को बड़ा सबक सिखाते हुए पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। ऐसे में भारत की कूटनीतिक जीत के बाद अब पाकिस्तान भी घुटने पर मजबूर होता दिख रहा है।

नई दिल्ली। चीन को काबू करने के बाद अब पाकिस्तान की अक्ल ठिकाने आते दिख रही है। जिस तरह से भारत ने LAC पर चीन को बड़ा सबक सिखाते हुए पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। ऐसे में भारत की कूटनीतिक जीत के बाद अब पाकिस्तान भी घुटने पर मजबूर होता दिख रहा है। वहीं अब लंबे वक्त के बाद एक बार फिर से भारत-पाकिस्तान (India-Pakistan) के बीच रिश्तों को सुधारने की कवायद शुरू हो गई है। दरअसल भारत और पाकिस्तान नियंत्रण रेखा पर युद्धविराम समझौते पर अमल के लिए तैयार हो गए हैं। मिली जानकारी के अनुसार, बुधवार को दोनों देशों के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) की बैठक हुई। जिसमें तय हुआ कि 24-45 फरवरी की रात से ही उन सभी पुराने समझौतों को फिर से अमल में लाया जाएगा, जो समय-समय पर दोनों देशों के बीच हुए हैं। बता दें कि साल 2003 में पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति मुशर्रफ के बीच ये समझौता हुआ था। लेकिन पाकिस्तान तबसे लेकर लगातार सीजफायर का उल्लंघन करता आ रहा है।

jammu kashmir ceasefire violation

हॉटलाइन पर बातचीत के दौरान सीजफायर उल्लंघन, युद्धविराम, कश्मीर मुद्दे समेत कई समझौतों पर चर्चा की गई। दोनों देशों ने लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) के हालात को लेकर भी समीक्षा की। इसके बाद भारत और पाकिस्तान ने ज्वाइंट स्टेटमेंट जारी किया। इसमें कहा गया है कि भारत और पाकिस्तान के मिलिट्री ऑपरेशन के डायरेक्टर जनरलों (डीजीएमओ) ने हॉटलाइन से एक दूसरे से बात की।

बयान में कहा गया, “दोनों पक्षों ने नियंत्रण रेखा और अन्य सभी क्षेत्रों के बारे में स्वतंत्र, स्पष्ट और सौहार्दपूर्ण वातावरण में स्थिति की समीक्षा की।” इसमें आगे कहा गया कि सीमापर स्थायी शांति प्राप्त करने के लिए दोनों देशों के डीजीएमओ एक-दूसरे के प्रमुख मुद्दों और चिंताओं पर ध्यान देने के लिए सहमत हुए, जिनमें शांति को भंग करने और हिंसा को बढ़ावा देने की प्रवृत्ति संबंधी चिंता भी शामिल है।

बयान में कहा गया, “दोनों पक्षों ने दोहराया है कि हॉटलाइन संपर्क और बॉर्डर फ्लैग मीटिंग के मौजूदा तंत्र का उपयोग किसी भी अप्रत्याशित स्थिति या गलतफहमी को हल करने के लिए किया जाएगा।”