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इकबाल अंसारी की सरकार से अपील, बाबरी विध्वंस का केस खत्म करे सरकार

बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे मोहम्मद इकबाल अंसारी ने सरकार से सीबीआई की विशेष अदालत में चल रहे बाबरी मस्जिद विध्वंस केस को खत्म करने की मांग की है। 

नई दिल्ली। राम मंदिर विवाद बेशक खत्म हो गया गया है लेकिन इससे जुड़ी हर खबर लगातार सुर्खियों में बनी रहती है। कुछ समय पहले रामजन्मभूमि समतलीकरण के दौरान राम मंदिर के अवशेष मिले तो अयोध्या सुर्खियों में आ गई और अब बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे मोहम्मद इकबाल अंसारी ने सरकार से सीबीआई की विशेष अदालत में चल रहे बाबरी मस्जिद विध्वंस केस को खत्म करने की मांग की है।

उन्होंने कहा- मंदिर के पक्ष में फैसला आ चुका है। निर्माण कार्य शुरू हो रहा है, ऐसे में बाबरी मस्जिद विध्वंस को लेकर सीबीआई की विशेष कोर्ट में चल रहे इस केस को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर देना चाहिए।

अंसारी ने कहा- बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में गवाहों के बयान पूरे हो चुके हैं। अब आरोपितों के अंतिम बयान होने के लिए तारीख तय कर दी गई है। ऐसे में साफ है कि अब इस केस में जल्द फैसला आने वाला है। फैसले के बाद दोनों कौमों के बीच साम्प्रदायिक सौहार्द खराब हो सकता है। सरकार को इस केस को खत्म करना चाहिए। अब ऐसे प्रयास होने चाहिए, जिससे लोग मंदिर-मस्जिद झगड़े को सदा के लिए भुला दें।

अब इस विवाद को कुरेदने की जरूरत नहीं

अंसारी ने कहा- मेरे वालिद (पिता) के समय में हिंदू-मुस्लिम के बीच भाईचारे का रिश्ता कायम था। मंदिर और मस्जिद के पक्षकार परमहंस रामचंद्र दास और मेरे वालिद मो. हाशिम अंसारी एक ही रिक्शे पर साथ बैठकर घूमते थे। अपने-अपने हक को लेकर केवल कानूनी लड़ाई ही चल रही थी। वहीं, अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर साथ चलने के माहौल की जरूरत है। जब साफ हो गया है कि राम मंदिर बनना है और देश की सबसे बड़ी अदालत ने इस पर फैसला सुना दिया है, तो फिर से इस विवाद को कुरेदने की कोई जरूरत नहीं है।

ram mandir

मस्जिद की जगह पर कोरोना अस्पताल बने

अंसारी ने यह भी कहा कि जो जमीन कोर्ट के आदेश पर सरकार ने मस्जिद के निर्माण के लिए दी है, वहां 22 मस्जिदें पहले से हैं। जिसकी ज्यादा जरूरत है, वहां उसका निर्माण होना चाहिए। बेहतर है कि उस जमीन पर कोविड-19 और अन्य संक्रामक रोगों का अस्पताल बनाया जाए। मस्जिद के कैम्पस में स्कूल, कॉलेज, धर्मशाला भी बनाया जाए। जहां बिना भेदभाव के दोनों कौमों के लोगों को लाभ मिल सके।

Ram Mandir Supreme Court

बाबरी विध्वंस केस: 49 आरोपी बनाए गए थे, 32 बचे जीवित
28 साल पहले यानी 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में थाना राम जन्मभूमि में एक एफआईआर दर्ज कराई गई थी। सीबीआई ने मामले की जांच करते हुए 49 आरोपियों के खिलाफ विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था। इस मामले में पूर्व गृहमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, पवन कुमार पांडेय, बृजभूषण शरण सिंह, सतीश प्रधान, विनय कटियार, साध्वी ऋतभरा, राम विलास वेदांती, चंपत राय, नृत्यगोपाल दास, लल्लू सिंह, महंत धर्मदास, साक्षी महाराज, आरएन श्रीवास्तव आरोपियों में शामिल हैं। आरोपियों में 32 जीवित हैं, जबकि 19 की मौत हो चुकी है। मामले में सीबीआई की तरफ से बीते बुधवार को गवाही पूरी हो चुकी है। जबकि, आरोपियों की 4 जून को सीआरपीसी की धारा- 313 के तहत गवाही होनी थी।

Ram Mandir 1

सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त तक फैसला सुनाने का निर्देश दिया था
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की विशेष न्यायाधीश को बाबरी मस्जिद विध्वंस केस को 31 अगस्त तक पूरा करने का आदेश दिया था। इससे पहले मामले में अप्रैल माह तक फैसला सुनाया जाना था। ट्रायल न्यायाधीश एस यादव ने 6 मई को शीर्ष अदालत को पत्र लिखकर समय बढ़ाने की मांग की थी। जिसमें कहा गया था कि साक्ष्य की रिकॉर्डिंग अभी पूरी नहीं हुई है।