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बिहार रेजिमेंट की वीरता को देशवासियों का सलाम, सेना ने ट्वीट किया वीडियो जवानों को बताया ‘बैटमैन’

देशभक्ति के जज्बे से ओतप्रोत एक हुंकार ‘बजरंग बली की जय’ और फिर दुश्मनों पर ऐसे टूट पड़ना मानो चीता अचानक से अपने शिकार पर झपट पड़ा हो। जंग के जिस मैदान में उतरे वहां बिना फतह के कुछ भी कबूल नहीं। ऐसे हैं बिहार रेजिमेंट के जवान।

नई दिल्ली। देश की कोई भी लड़ाई हो, सरहद पर लड़ी गई कोई भी जंग हो। पहाड़ें कितनी भी बर्फीली और घाटी कितनी भी गहरी हो। देशभक्ति के जज्बे से ओतप्रोत एक हुंकार ‘बजरंग बली की जय’ और फिर दुश्मनों पर ऐसे टूट पड़ना मानो चीता अचानक से अपने शिकार पर झपट पड़ा हो। जंग के जिस मैदान में उतरे वहां बिना फतह के कुछ भी कबूल नहीं। ऐसे हैं बिहार रेजिमेंट के जवान।

Bihar Regiment
भारतीय सेना ने रविवार को बिहार रेजिमेंट के सैनिकों के जज्बे और साहस को सलाम करते हुए एक वीडियो ट्वीट किया है। इस वीडियो में 21 साल पहले लड़े गये कारगिल युद्ध में रेजिमेंट के योगदान को याद किया गया है। उसे याद करते हुए सेना ने अपने ट्वीट में लिखा है, “#ध्रुववॉरियर्स और #बिहाररेजिमेंट के शेरों की गाथा। वे लड़ने के लिए ही पैदा हुए थे। वे बैट (चमगादड़) नहीं हैं वे बैटमैन हैं।”

Bihar Regiment

सेना की उत्तरी कमांड ने ट्वीट किया, “हर सोमवार के बाद एक मंगलवार आता है, बजरंग बली की जय।” बता दें कि ‘जय बजरंग बली’, बिहार रेजिमेंट का युद्ध का नारा है। इस नारे को बिहार रेजिमेंट की सेनाएं तब लगाती हैं, जब वे युद्ध क्षेत्र में शत्रुओं के सामने उतरती हैं।


सेना की ओर से शेयर किये गये इस 1 मिनट 57 सेकेंड के वीडियो में 1857 से 1999 के बीच रेजिमेंट के जरिए पूरे किए गए मिशन में से कुछ सबसे जांबाजी वाले मिशन दिखाए गये हैं। 1999, वह साल जब बिहार रेजीमेंट की पहली बटालियन ने पाकिस्तानी सेना से कारगिल के रणनीतिक महत्व के इलाके को फिर से कब्जे में ले लिया था।

Bihar Regiment

इस शक्तिशाली वीडियो की कहानी को अपनी आवाज देने वाले मेजर अखिल प्रताप सिंह कहते हैं, “21 साल पहले यही महीना था। बिहार रेजिमेंट ने कारगिल में घुसपैठियों को धूल चटा दी थी। वे ऊंचाई पर भी थे और अच्छे से तैयार भी थे। वे (बिहार रेजिमेंट के सैनिक) फिर भी साहस के साथ गए और सम्मान के साथ वापस आये।”

indian commander

वीडियो में चीनी सेना के साथ हिंसक झड़प में शहीद कर्नल संतोष बाबू को भी श्रद्धांजलि दी गई है। कर्नल संतोष बाबू इसी हफ्ते चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में शहीद हो गए थे।