नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच चल रहे विवाद को लेकर मोदी सरकार एक के बाद एक बड़े कदम उठा रही है। इससे साफ है कि भारत सरकार ड्रैगन को किसी भी प्रकार से बख्शने के मूड में नहीं है। जिसका नतीजा ये है कि चीन को पीछे हटने पर मजबूर होना पड़ रहा है। इतना ही नहीं भारत सरकार के कुशल रणनीतिक प्रबंधन के आगे चीन के तेवर ढीले भी पड़ते दिखाई दे रहे हैं।
इसी बीच अब खबर आ रही है कि लद्दाख के पास लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के पास भारत ने हवाई पट्टी का निर्माण तेज़ किया है, इसके अलावा बोफोर्स आर्टिलरी की तैनाती भी की जा रही है। इससे चीन के सैनिकों होश भी ठिकाने लग गए हैं।बता दें कि इस बार भारत किसी भी कीमत पर पीछे हटने को तैयार नहीं है। यही कारण है कि चीन से जारी विवाद के बीच एक बार फिर हवाई पट्टी के निर्माण का काम तेज कर दिया गया है।
गौरतलब है कि अनंतनाग के पास एनएच-44 पर इमरजेंसी हवाई पट्टी का निर्माण किया जा रहा है। ताकि किसी भी इमरजेंसी की स्थिति में लड़ाकू विमानों या अन्य विमानों को उतारा जा सके। एलएसी के पास चीन ने भी कई तरह का निर्माण कर लिया है और कई तरह के हथियारों की सप्लाई बढ़ा दी है। भारत अपने सैनिकों की मदद के मदद लिए बहुत पहले से हवाई पट्टी का निर्माण कर रहा है। इसके निर्माण से सीमा पर तैनात सुरक्षाबलों को राशन, हथियार और स्वास्थ्य सेवाएं कम समय में पहुंचाने में मदद मिलेगी।
वहीं रक्षा विभाग ने सीमा पर चर्चित बोफोर्स तोप को लगा दिया है। भारत अपनी आक्रामक रणनीति में कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहता है। इससे पहले चीन भारत के उग्र तेवर और कूटनीति के आगे ही फैल हो गया है और उसकी सेनाएं दो किलोमीटर पीछे हट गयीं हैं।