इंदौर। पहले आवेदन, फिर निवेदन और फिर दनादन…ये कहकर साल 2019 में इंदौर नगर निगम के अफसर की बैट से पिटाई के मामले में बीजेपी के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश को राहत मिलती नजर आ रही है। इस मामले में कोर्ट में पीड़ित अफसर धीरेंद्र बायस ने बयान दिया है कि उनपर पीछे से हमला हुआ था और उन्होंने नहीं देखा कि आकाश ने हमला किया था। इस मामले में आकाश विजयवर्गीय पर केस दर्ज हुआ था। वो गिरफ्तार भी हुए थे। मामले के सामने आने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी तक ने कहा था कि हमला करने वाला चाहे किसी का भी बेटा हो, लेकिन कानून के तहत ही काम होगा। इस मामले में बीजेपी को विपक्ष ने घेरा था।
ये घटना 27 जून 2019 को हुई थी। नगर निगम के अफसर अपने कर्मचारियों के साथ कुछ लोगों का अवैध कब्जा हटाने पहुंचे थे। आरोप है कि आकाश विजयवर्गीय ने बैट से अफसर और कर्मचारियों को खूब पीटा था। आकाश ने घटना के बाद अपनी सफाई में कहा था कि नगर निगम के अफसर गलत तरीके से निर्माण तोड़ने गए थे। जबकि, इस मामले में पीड़ित परिवारों ने पहले ही नगर निगम में अर्जी दे रखी थी। उन्होंने कहा था कि पहले हमने आवेदन दिया, फिर घर न गिराने का निवेदन किया और जब अफसर नहीं माने, तो हमने दनादन का रास्ता अख्तियार किया।
Akash Vijayvargiya, BJP MLA on thrashing a Municipal Corporation officer in Indore: This is just the beginning, we will end this corruption & goondaism. ‘Aavedan, nivedan aur fir dana dan’ this is our line of action. #MadhyaPradesh pic.twitter.com/xYLqJnpWdZ
— ANI (@ANI) June 26, 2019
इस घटना के बाद नगर निगम में कर्मचारियों ने विरोध में काम करना बंद कर दिया था। मध्यप्रदेश में उस वक्त कांग्रेस की सरकार थी। तत्कालीन गृह मंत्री बाला बच्चन ने आकाश विजयवर्गीय की गिरफ्तारी के आदेश दिए थे और कहा था कि आरोपी रसूखदार होने पर भी बख्शा नहीं जाएगा।