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Pashupati Paras Resigns From Cabinet Minister : कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफे के बावजूद क्या एनडीए छोड़कर विपक्ष के महागठबंधन में शामिल होने से झिझक रहे हैं पशुपति पारस?

Pashupati Paras Resigns From Cabinet Minister : कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद भी एनडीए से अलग होने की फिलहाल पशुपति पारस की ओर से कोई घोषणा नहीं की गई है। यहां तक कि अपने इस्तीफे की घोषणा के बाद भी पशुपति द्वारा प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा करने के भी कई मायने निकाले जा रहे हैं।

नई दिल्ली। बिहार में एनडीए की ओर से एक भी सीट न मिलने से नाराज चल रहे केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी प्रमुख पशुपति कुमार पारस ने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। अपने इस्तीफे की घोषणा के बाद पशुपति ने कहा कि मैंने पूरी लगन और वफादारी से एनडीए की सेवा की, लेकिन मेरे साथ व्यक्तिगत तौर पर नाइंसाफी हुई। हालांकि उन्होंने पीएम मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि मैं आज भी उनका का शुक्रगुजार हूं। आगे की रणनीति को लेकर पशुपति बोले कि हम अपनी पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं से बैठकर तय करेंगे कि अब हमें क्या करना है। हालांकि अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए पशुपति ने एनडीए से अलग होने के संबंध में फिलहाल कोई बात नहीं की।

पशुपति आगे भी एनडीए में ही रहेंगे या एनडीए से अलग होकर विपक्ष के महागठबंधन में शामिल होंगे ये अभी रहस्य है लेकिन सवाल यह है कि जब अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए पशुपति पारस ने कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया तो फिर वो एनडीए से अलग होने की बात क्यों नहीं कर रहे हैं। ऐसी चर्चा है कि आरजेडी की ओर विपक्ष के महागठबंधन में शामिल होने पर पशुपति पारस को तीन सीटों का आफर दिया गया है, तो क्या मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य को समझते हुए पशुपति पारस एनडीए खेमा छोड़ने में झिझक रहे हैं। बीजेपी से नाराजगी के बावजूद कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफे के ऐलान के दौरान पशुपति द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए उनको धन्यवाद देना कहीं न कहीं इस बात का संकेत है कि पशुपति सीट न मिलने से नाराज तो हैं लेकिन एनडीए खेमे से अलग होने को लेकर उनके मन में कहीं न कहीं झिझक भी है। खबरें ऐसी भी हैं कि बीजेपी की ओर से पशुपति पारस को राज्यपाल पद का ऑफर दिया गया है तो क्या कैबिनेट मंत्री का पद छोड़कर पशुपति सिर्फ अपनी नाराजगी दिखाना चाहते हैं या वो कोई बड़ा फैसला लेने वाले हैं इस पर सबकी निगाहें टिकी हैं।