नई दिल्ली। हर्षा की हत्या ने देश में सनसनी मचा दी है। सोशल मीडिया से लेकर अभिव्यक्ति के मुख्तलिफ मंचों पर इसकी निंदा की जा रही है। कोई कुछ कह रहा है, तो कोई कुछ कह रहा है। कोई इस हत्या से खुश है, तो कोई निराश है, तो कोई परेशान है, तो कोई हताश है, लेकिन इस बीच इस हत्याकांड ने कुछ ऐसे सवालों की बयार बहा कर रख दी है, जिसकी तलाश करनी होगी। अब इस हत्याकांड में कई ऐसे एंगल उभरकर सामने आ रहे हैं, जो बेशुमार सवालों की बयार बहा रहे हैं और यह कहने में कोई दोमत नहीं है कि आगामी दिनों में जांच एजेंसियों के समक्ष इन सवालों की जवाब तलाशे जाने की चुनौती रहेगी। इसी कड़ी में इस हत्याकांड में इस्लामिक एंगल उभरकर सामने आया है। क्या वो इस्लामिक एंगल…आइए जानते हैं विस्तार से…!
जानिए पूरा माजरा
दरअसल, यह बात आपको पूरी तरह हैरान कर सकती है कि जिस हर्षा की हत्या बीते रविवार को की गई थी, असल में उसकी हत्या की प्लानिंग आज से सात साल पहले यानी साल 2015 में ही बन चुकी थी। जी हां….बेशक, हर्षा की हत्या की वारदात को अब अंजाम दिया गया हो, लेकिन उसे मारने की धमकी साल 2015 में एक नहीं, दो नहीं, बल्कि कई इस्लामिक संगठनों की तरफ से दी जा चुकी थी और इससे भी ज्यादा हैरानी की बात तो यह है कि इन इस्लामिक संगठनों ने न महज खुद हर्षा को जान से मारने की धमकी दी, बल्कि दूसरे संगठनों को भी उकसाने का काम किया। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर आप यह सब इतने दावे के साथ कैसे कह सकते हैं। तो हम यह ऐसे ही नहीं कह रहे हैं, बल्कि पूरे सबूतों के साथ कर रहे हैं। आइए, आगे हम आपको कुछ ऐसे सबूतों के बारे में विस्तार से बताए चलते हैं।
मंगलौर का फेसबुक पोस्ट
यहां देखिए मंगलौर के मुस्लिम संगठन का फेसबुक पेज। इस पेज में आपको हर्षा के संदर्भ में धमकी भरे अल्फाजों की बहती हुई बयार साफ नजर आ जाएगी। अब आप यही सोच रहे हैं न कि आखिर इसमें ऐसा क्या लिखा हुआ कि आप इस सामान्य से दिखने वाले फेसबुक पोस्ट को हर्षा की हत्या से जोड़कर देख रहे हैं। तो आपको बताते चलें कि हम इसे हर्षा की हत्या से जोड़कर इसलिए देख रहे हैं, क्योंकि इस पोस्ट में हर्षा को शारीरिक रूप से क्षति पहुंचाने की बात कही गई है। यह क्षति नबी मोहम्मद के संदर्भ में हर्षा द्वारा की गई अपमानजनक टिप्पणी को लेकर की गई है। पोस्ट में हर्षा को बजरंग दल से जुड़ा हुआ हिंदू आतंकवादी तक बताया गया है, और उसे सबक सिखाए जाने की बात कही गई है।
अगर आपने इस पोस्ट पर ध्यान से गौर किया हो, तो आपको पता लगेगा कि इसे 31 दिसंबर 2015 को पोस्ट किया गया था, जिससे यह साफ जाहिर होता है कि हर्षा की हत्या की प्लानिंग आज नहीं, बल्कि सात साल पहने ही बन चुकी थी। अब कुछ लोग इस पूरे माजरे को हिजाब मुद्दे से भी जोड़कर देख रहे हैं। देखना भी चाहिए, क्योंकि कुछ दिनों पहले ही हर्षा ने हिजाब के विरोध मे ट्वीट किया था।
ध्यान रहे कि मंगलौर द्वारा किया गया यह पोस्ट कोई इकलौता पोस्ट नहीं था, बल्कि इस तरह के कई पोस्ट हर्षा के खिलाफ किए गए थे, जिसमें से एक करावली के मुस्लिम सगंठनों की तरफ भी किया गया पोस्ट था, जिसमें भी हर्षा के खिलाफ जहर ही उगला गया था।
हर्षा की हत्या के बाद कुछ लोगों में खुशी की लहर
सोचकर ही हैरानी होती है कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है, लेकिन यह वह सच है, जिससे हमें खुद को रूबरू करने के लिए तैयार रखना होगा और वो सच यह है कि हर्षा की हत्या के बाद कुछ लोगों की खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा है। यह सभी लोग सोशल मीडिया पर हर्षा की हत्या के बाद एंक दूसरे बधाई देकर अपनी खुशी का इजहार करते हुए नजर आ रहे हैं। आइए हम आपको कुछ ऐसे ही फेसबुक पोस्ट से रूबरू कराए चलते हैं।
आतंकी समुदाय pic.twitter.com/NC3f6ormyF
— Deepansh Jain (@Rajasthansehu) February 21, 2022
Peaceful Community?
Fb Link: https://t.co/cUFvSfh41H pic.twitter.com/tYvba8eUwA
— Deepansh Jain (@Rajasthansehu) February 21, 2022