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Politics: भतीजे अखिलेश को चाचा शिवपाल ने दिलाई ‘महाभारत’ की याद, बोले- शकुनि से जुआ…

शनिवार को जब अखिलेश ने सपा विधायकों की बैठक बुलाई, तो उसमें शिवपाल को न्योता नहीं दिया। सपा के प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि शिवपाल गठबंधन के नेता हैं और उन्हें बाकी घटक दलों के नेताओं के साथ 28 मार्च को अखिलेश ने बैठक में बुलाया है।

इटावा। समाजवादी पार्टी को चलाने वाले मुलायम सिंह यादव के खानदान में एक बार फिर चाचा-भतीजे यानी शिवपाल सिंह यादव और अखिलेश यादव के बीच जंग की बिसात बैठती दिख रही है। यूपी चुनावों में सपा की हार के बाद अब शिवपाल सिंह ने अखिलेश को महाभारत की याद दिलाई है। शिवपाल ने बयान दिया है कि जब अपनों और परायों में भेद पता नहीं होता, तो महाभारत होती है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि जब दुर्योधन के बजाय युधिष्ठिर ने शकुनी से जुआ खेलना शुरू किया, तो वहीं उनकी हार तय हो गई। शिवपाल ने ये भी कहा कि सपा के मौजूदा विधायकों में सबसे बड़े अंतर से वो जीते हैं। इससे उनकी लोकप्रियता पता चल जाती है।

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बता दें कि शिवपाल सिंह यादव और अखिलेश के बीच साल 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले जमकर झगड़ा हुआ था। जिसके बाद शिवपाल ने सपा छोड़कर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी यानी प्रसपा बना ली थी। इस बार चुनाव से पहले अखिलेश ने उन्हें सपा के गठबंधन का हिस्सा बना लिया और जसवंतनगर सीट से टिकट भी दिया, लेकिन शनिवार को जब अखिलेश ने सपा विधायकों की बैठक बुलाई, तो उसमें शिवपाल को न्योता नहीं दिया। सपा के प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि शिवपाल गठबंधन के नेता हैं और उन्हें बाकी घटक दलों के नेताओं के साथ 28 मार्च को अखिलेश ने बैठक में बुलाया है।

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अखिलेश की तरफ से चाचा शिवपाल से पहली बार ऐसा सलूक नहीं हुआ है। गठबंधन में शामिल होने के बाद अखिलेश ने कई बार शिवपाल को गच्चा दिया था। शिवपाल ने अपनी पार्टी के लिए 100 सीटें मांगी थीं, लेकिन अखिलेश ने सिर्फ उन्हें ही टिकट दिया। नतीजे में शिवपाल की प्रसपा के नेता साथ छोड़कर जाने लगे। बड़े नेताओं रघुराज शाक्य, शादाब फातिमा और शिवकुमार बैरिया ने प्रसपा छोड़ दी है। वहीं, अखिलेश की मर्जी चलते रहने के कारण शिवपाल के बेटे आदित्य यादव की सियासी पारी भी जम नहीं सकी है। अपने बेटे को शिवपाल ने तो 2017 में सपा का टिकट दिला सके थे और न इस बार वो दिला पाए हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में शिवपाल और अखिलेश के बीच एक बार फिर अलगाव होने के आसार दिख रहे हैं। शिवपाल का ताजा बयान इसके संकेत दे रहा है।