newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

कृषि कानूनों के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन के बीच मोदी सरकार को मिला एक बड़ी विपक्षी पार्टी का साथ, की खास अपील

Farm Laws: कुमारस्वामी(Kumaraswamy) ने अपने ट्वीट में कहा कि, बीते कुछ समय से भारतीय कृषि क्षेत्र एक चक्रव्यूह में फंस गया है और इसलिए हमारे लिए यह बहुत जरूरी है कि किसी नए प्रयोग के लिए तैयार रहा जाए।

नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि कानूनों को लेकर देश में किसान आंदोलन जारी है। ऐसे में दुनियाभर से भारत की छवि पर पड़ने वाले असर को लेकर आगाह करते हुए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गतिरोध दूर करने का निवेदन करते हुए शनिवार को जनता दल (सेकुलर) के नेता एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि मुझे लगता है कि किसानों को नए कृषि कानूनों के साथ प्रयोग करने के मामले में मन को खुला रखना चाहिए। बता दें कि कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री हालांकि महसूस करते हैं कि इसके लिए केंद्र और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच बेहतर समन्वय होनी चाहिए। कुमारस्वामी ने कहा, ”नए कानूनों पर वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह की टिप्पणी से उम्मीद जगी है। उन्होंने किसानों से अपील की है कि वे नए कानूनों को लागू करने का प्रयोग होने दे। उन्होंने कोई समस्या होने पर कानूनों को वापस लेने का भी भरोसा दिया है। मेरा मानना है कि किसानों को इसपर भी विचार करना चाहिए।”

kumarswami

कुमारस्वामी ने अपने ट्वीट में कहा कि, बीते कुछ समय से भारतीय कृषि क्षेत्र एक चक्रव्यूह में फंस गया है और इसलिए हमारे लिए यह बहुत जरूरी है कि किसी नए प्रयोग के लिए तैयार रहा जाए। हालांकि वह किसानों और कृषि क्षेत्र के कल्याण के लिए होना चाहिए। जद(एस) नेता ने कहा, ”किसानों के प्रदर्शन से छवि बनी है कि भारत में कुछ समस्या है। मेरी हार्दिक इच्छा है कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जो प्रतिष्ठा हासिल की है और उसकी जो छवि बनी है उसे नए कृषि कानूनों के साथ-साथ उनके खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों से धक्का नहीं लगना चाहिए।”

PM Narendra Modi

कुमारस्वामी ने ये भी कहा कि,पीएम मोदी को इस बात को समझना होगा कि, प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने जो प्रतिष्ठा प्राप्त की है, उस छवि को इस तरह के प्रदर्शनों से नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही किसानों को भी कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों तक अपने कार्यक्रमों के जरिए परोक्ष रूप से संदेश देने के बजाय केंद्र को किसानों का आंदोलन खत्म कराने के लिए प्रधानमंत्री के नेतृत्व में निर्णायक बैठक करनी चाहिए।