दुमका। झारखंड के दुमका में अंकिता नाम की लड़की को जलाकर मार डालने के आरोपी शाहरुख पर पुलिस ने अब पॉक्सो एक्ट भी लगाया है। पहले अंकिता की उम्र को पुलिस ने 19 साल दर्ज किया था, लेकिन बाल कल्याण समिति के मजिस्ट्रेट ने अंकिता के घरवालों से जानकारी मिलने के बाद पुलिस को बताया था कि वो नाबालिग थी। जिसके बाद पुलिस ने एफआईआर में दर्ज उम्र में संशोधन कर शाहरुख पर पॉक्सो एक्ट भी लगाया। इस मामले में अंकिता के घरवालों ने भी सवाल खड़ा किया था कि पुलिस उसकी उम्र आखिर ज्यादा क्यों बता रही है। जबकि, सर्टिफिकेट के मुताबिक अंकिता 15 साल 9 महीने की थी।
दुमका पुलिस की ओर से ये नहीं बताया गया है कि आखिर एफआईआर में उसने अंकिता की गलत उम्र कैसे और क्यों दर्ज की। बता दें कि इससे पहले जांच को प्रभावित करने के आरोप में दुमका के डीएसपी नूर मुस्तफा को हटाया गया था। पुलिस ने अंकिता की उम्र को लेकर अब सिर्फ इतना ही कहा है कि उसके सर्टिफिकेट में जन्मतिथि 26 नवंबर 2006 है। जिसका पता चलने पर एफआईआर में उम्र बदलकर आरोपी पर पॉक्सो एक्ट भी लगाया गया है। रांची के रिम्स में 5 दिन तक मौत से जंग लड़ने के दौरान अंकिता ने बयान दिया था। उसने कहा था कि जब वो सो रही थी तो शाहरुख ने खिड़की से उसपर पेट्रोल डाल दिया और आग लगाकर भाग गया। अंकिता ने कहा था कि जिस तरह उसे तड़पकर मरना पड़ रहा है, ठीक वैसे ही शाहरुख को भी तड़पकर मरना चाहिए।
अंकिता मामले में पुलिस ने शाहरुख पर 302, 120-बी यानी साजिश रचने, धारा 34 और पॉक्सो एक्ट की धारा 12 लगाई है। इस मामले में उसे कोर्ट से सख्त सजा मिलने की उम्मीद है। अंकिता के घरवाले और हिंदूवादी संगठन शाहरुख को मौत की सजा देने की मांग कर रहे हैं। इस मामले में चौतरफा दबाव में घिरी झारखंड सरकार के सीएम हेमंत सोरेन ने भी कहा कि आरोपी को सख्त से सख्त सजा दिलाने के लिए उनकी सरकार हर संभव कोशिश करेगी। हालांकि, सरकार विपक्षी बीजेपी इस आरोप का कोई जवाब नहीं दे पा रही है कि अंकिता को एयर एंबुलेंस से आखिर बेहतर इलाज के लिए दिल्ली क्यों नहीं ले जाया गया।