
मुंबई। एक तरफ लोकसभा चुनाव के लिए मोदी और बीजेपी विरोधी दल एकता की बात कर रहे हैं। पटना में बैठक भी हो चुकी है। वहीं, इन विपक्षी दलों में तकरार भी जारी है। ताजा मामला तेलंगाना में सरकार चला रही बीआरएस और उसके नेता के. चंद्रशेखर राव यानी केसीआर का है। केसीआर दो दिन के महाराष्ट्र दौरे पर हैं। वो सोलापुर पहुंचे हैं। वहीं, महाराष्ट्र में केसीआर के दाखिल होने से उद्धव ठाकरे का शिवसेना गुट और कांग्रेस भड़के हुए हैं। उद्धव के खास और राज्यसभा सांसद संजय राउत इस मामले में मीडिया से कहा कि तेलंगाना के सीएम केसीआर का महाराष्ट्र की राजनीति पर कोई असर पड़ने वाला नहीं है।
#WATCH | There will be no impact of Telangana CM KCR on Maharashtra politics. If KCR will do drama like this, he will lose Telangana also. Fearing loss, he came to Maharashtra but his 12-13 ministers/MPs joined the Congress yesterday. This is a fight between KCR and Congress. MVA… pic.twitter.com/HyJJ34qzbu
— ANI (@ANI) June 27, 2023
संजय राउत ने कहा कि अगर केसीआर इसी तरह ड्रामा करते रहे, तो वो तेलंगाना भी खो देंगे। संजय राउत ने कहा कि तेलंगाना में चुनाव गंवाने के डर से केसीआर महाराष्ट्र आए हैं, लेकिन उनके 12-13 मंत्री और सांसदों ने सोमवार को कांग्रेस का दामन थाम लिया। संजय राउत के मुताबिक केसीआर और कांग्रेस के बीच जंग है। उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के बीच गठजोड़ मजबूत है।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री का क़ाफ़िला महाराष्ट्र में।
इनका सारा प्रयास आख़िर में ज़ीरो साबित होगा।
अंत में कहीं तेलंगाना भी हाथ से न चला जाए।
फिर न माया मिली ना राम जैसा हाल हो जाएगा।
क्योंकि क्षेत्रीय नेता अपने राज्य से कभी क्लिक नहीं कर पाते।
लालू ना यूपी में चले और मुलायम ना…— Sanjay Nirupam (@sanjaynirupam) June 26, 2023
इससे पहले सोमवार को कांग्रेस के नेता संजय निरुपम ने केसीआर पर हमला बोला था। संजय निरुपम ने मुलायम और लालू यादव का हवाला देते हुए कहा था कि केसीआर भले ही महाराष्ट्र आ गए हैं, लेकिन उनको याद रखना चाहिए कि मुलायम सिंह यादव को बिहार और लालू यादव को यूपी में कोई फायदा नहीं हुआ। संजय निरुपम ने अपने बयान में और भी कई बातें केसीआर के लिए कही थीं। इससे पहले केसीआर की पार्टी की तरफ से भी कांग्रेस पर हमला किया जाता रहा है। वहीं, ममता बनर्जी भी कह चुकी हैं कि वो विपक्ष की एकता चाहती हैं, लेकिन बंगाल में कांग्रेस और सीपीएम मिलकर बीजेपी की मदद कर रही हैं। ऐसे में विपक्षी दलों की ये तकरार उनकी एकता के दावों पर फिलहाल पानी फेरता दिख रहा है।