नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की राजनीति में टीएमसी बनाम भाजपा के मुकाबले से पहले ही गर्मी बढ़ी हई थी। आज भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पश्चिम बंगाल में चुनावी मंच से ममता बनर्जी की सबसे कमजोर नस को दबा दिया। इसके बाद से यहां राजनीतिक भूचाल आना तय है। दरअसल OBC के कोटे से पश्चिम बंगाल में दिए गए सबसे ज्यादा मुसलिम जाति को आरक्षण का जिक्र मंच से करना था कि ममता बनर्जी की पार्टी के लिए यह तीर की तरह चुभ गया। एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा कि यदि पश्चिम बंगाल में उनकी पार्टी की सरकार बनती है तो महिष्य और तिली जैसी जातियों को भी आरक्षण का लाभ दिया जाएगा। दरअसल, नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र में महिष्य वोटरों की तादाद 53 प्रतिशत है और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी यहीं से चुनाव लड़ रही हैं।
जेपी नड्डा ने कहा, ‘अपने वोट बैंक की तुष्टिकरण की राजनीति में ममता जी ने हमारे हिंदू धर्म के अन्य पिछड़ा वर्ग की जातियों जैसे महिष्य, तिली आदि को आरक्षण के अधिकार से वंचित रखा। अब हमारी सरकार आएगी तो हम आयोग बैठाकर मंडल कमीशन में जो जातियां लिखी हैं उनको सम्मान देकर इन लोगों के लिए भी हम प्रयास करेंगे ताकि मुख्यधारा में इनको भी जोड़ा जाए।’
Big announcement by BJP national president J P Nadda regarding inclusion of left out Hindu castes in the OBC (Mahisya, Teli etc) list in Bengal… BJP government will constitute a commision and recommend their inclusion, he said.
Pishi denied them this reservation for a decade. pic.twitter.com/TUbJQm7tfT
— Amit Malviya (@amitmalviya) March 16, 2021
ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस जब बंगाल की सत्ता में आई तो इसके नतीजे में आज OBC कैटिगरी-ए में कुल 81 जातियां हैं जिनमें से 73 मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखती हैं जबकि कैटिगरी-बी में 96 जातियां हैं जिनमें से 44 मुस्लिम समुदाय की हैं। 1993 से 2020 आते-आते ओबीसी के तहत आरक्षण में आने वाली मुस्लिम जातियों की संख्या 9 से बढ़कर 117 हो गई जो कि राज्य की पूरी मुस्लिम जनसंख्या का 90 प्रतिशत है। वहीं, इनमें से भी 64 जातियों को पिछले 8 सालों में ममता सरकार ने जोड़ा है। ममता सरकार ने लगातार ये दावा भी किया है कि उसने राज्य के 99 प्रतिशत मुसलमानों को ओबीसी आरक्षण का फायदा दिया है। खास बात यह है कि मंडल कमीशन ने ओबीसी की जिन 177 जातियों की पहचान की थी, उनमें से सिर्फ 12 मुस्लिम जातियां थीं जबकि 150 के आसपास हिंदू ओबीसी थीं। आज की तारीख में उन 150 में से सिर्फ 67 हिंदू जातियों को ओबीसी आरक्षण का फायदा मिला है जबकि मुसलमानों की कुल 117 जातियों को इसका लाभ मिला है। इससे साफ है कि एक बड़ी संख्या में हिंदू ओबीसी जातियों को पश्चिम बंगाल में आरक्षण का फायदा नहीं दिया गया।
इसी के आधार पर जेपी नड्डा ने यह बयान दिया और इसका नतीजा है कि ममता बनर्जी के लिए यह बयान परेशानी का कारण बनने वाली है। जोपी नड्डा ने यहां कहा कि ममता दीदी बंगाल में मां, माटी और मानुष के नाम पर आई थीं। लेकिन टीएमसी के गुंडों ने 80 वर्ष की बुजुर्ग महिला के साथ जो किया है, उसे बंगाल की जनता नहीं भूलेगी। मां की आपने कितनी इज्जत रखी, ये हम सब जान गए हैं। उन्होंने कहा बंगाल में किसानों के सम्मान की ममता दीदी ने चिंता नहीं की। किसान सम्मान निधि योजना बंगाल में लागू नहीं की। अगली सरकार बंगाल में भाजपा की आएगी और 76 लाख किसानों को बकाया राशि के साथ इस योजना का लाभ दिया जाएगा। इसे साथ ही नड्डा ने कहा बंगाल में भाजपा के 130 कार्यकर्ताओं की हत्या की गई। क्या उनकी मां नहीं थी? पत्नी नहीं थी? उनके बच्चे नहीं थे? उनका आपने कितना ख्याल रखा? बंगाल की जनता इन एक-एक बातों का हिसाब लेने वाली है।
नड्डा ने आगे कहा ममता जी ने यहां दुर्गा विसर्जन और सरस्वती पूजा नहीं होने दी, लेकिन मुहर्रम के समय कोरोना के दौरान भी कर्फ्यू हटा दिया, अच्छी बात है, कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन जब अयोध्या में शिलान्यास का समय आया तो क्यों कर्फ्यू लगा दिया। बाटला हाउस वाले ममता के बयान पर भी जेपी नड्डा जमकर बरसे। उन्होंने कहा आज से 13 वर्ष पहले बाटला हाउस की घटना हुई थी, वहां आतंकियों से दिल्ली पुलिस लड़ रही थी। एक आतंकी आरिज खान वहां गिरफ्तार हुआ था, तो ममता दीदी ने कहा था कि ये एनकाउंटर फेक है, ये सच्चा होगा तो, मैं राजनीति छोड़ दूंगी। कोर्ट ने अब आदेश दिया है कि आरिज खान को फांसी होनी चाहिए। मैं पूछता हूं कि ममता दीदी अब आप राजनीति से कब सन्यास लेंगी? इसके साथ ही नड्डा ने कहा बंगाल की एक रिपोर्ट में आया है और National Commission of Schedule Caste ने कहा है कि बंगाल में schedule caste की महिलाओं के साथ जो रेप और दुर्व्यवहार होता है और उनकी जो प्रताड़ना की जाती है, बंगाल पुलिस उसका केस रजिस्टर नहीं करती।