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कानपुर डाक विभाग का कारनामा, जारी किया छोटा राजन और मुन्ना बजरंगी का डाक टिकट, जांच के आदेश

Kanpur Post Office: दरअसल किसी खास व्यक्ति को यादों में समेटने के लिए केंद्र की मोदी सरकार(Modi Government) ने उनके नाम से डाक टिकट छपवाने की स्कीम शुरू की थी। इस स्कीम का नाम ‘माय स्टाम्प’ था।

नई दिल्ली। कानपुर डाक विभाग उस वक्त सुर्खियों में आ गया जब यहां के प्रधान डाकघर द्वारा अंतरराष्ट्रीय डॉन छोटा राजन और यूपी के कुख्यात अपराधी रहे मुन्ना बजरंगी का डाक टिकट जारी कर दिया गया। इस टिकट के सामने आते ही सनसनी फैल गई। आनन-फानन में अब डाक विभाग के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए गए हैं। बता दें कि यह टिकट ‘माय स्टाम्प’ योजना के तहत छापे गए। इसे छापने में लापरवाही इस बात की भी सामने आई है कि दोनों के नाम से जारी हुए इन डाक टिकटों के पहले उनके बारे में कोई जानकारी नहीं जुटाई गई और न ही किसी ने फोटो मैच कराने की जहमत ही उठाई। बता दें कि डाक विभाग के द्वारा छोटा राजन के नाम वाले 5 रुपये के 12 डाक टिकट जारी किए। वहीं कुख्यात अपराधी और मुख्तार अंसारी के गुर्गे रहे मुन्ना बजरंगी के नाम से इतनी ही संख्या में टिकट जारी किए गए हैं। इसके लिए बाकायदा 600 रुपये की फीस भी ली गई।

Chhota Rajan Post Ticket

जब इस बात को लेकर हंगामा हुआ तो पोस्ट मास्टर ने जो जवाब दिया वो भी खुद में दिलचस्प रहा। उन्होंने कहा कि डाक टिकट बनवाने के लिए व्यक्ति को खुद आना पड़ता है। वेबकैम के सामने फोटो खिंचवाई जाती है, या फिर स्कैन कराया जाता है। विभाग की ओर से किसी माफिया का डाक जारी करने के संबंध में कोई जानकारी नहीं है। हालांकि उन्होंने माना कि अगर ऐसा हुआ है तो मामले की जांच कराई जाएगी।

गौरतलब है कि एक राष्ट्रीय अखबार के संवाददाता ने डाक टिकट बनवाने के लिए जो जरूरी औपचारिकताएं होती है उनका पालन किया। इसके बाद उसने पोस्ट ऑफिस में मुन्ना बजरंगी फोटो दिखाते हुए प्रेम प्रकाश बताया और छोटा राजन को राजेंद्र एस निखलजे के नाम से बताया। इसके बाद जब उनसे पूछा गया कि ये दोनों कौन तो उसने जवाब दिया कि परिचित हैं। बस इतना कहने के बाद डाककर्मी संतुष्ट हो गया और निर्धारित राशि जमा करने को कहा। इसके कुछ दिन बाद छोटा राजन और मुन्ना बजरंगी के नाम से 5 रुपये के 12-12 टिकट छाप दिए गए।

Munna Bajrangi Post Ticket

दरअसल किसी खास व्यक्ति को यादों में समेटने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने उनके नाम से डाक टिकट छपवाने की स्कीम शुरू की थी। इस स्कीम का नाम ‘माय स्टाम्प’ था। इसके लिए सरकार ने कीमत भी निर्धारित की थी। 300 रुपये देकर कोई भी व्यक्ति अपने या परिजनों के नाम से 12 टिकट छपवा सकता है। ये अन्य डाक टिकटों की तरह ही मान्य होते हैं। इन्हें लेटर पर चिपका देश के किसी भी कोने में डाक भेजे जा सकते हैं।