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Kanpur Violence: पुलिस ने सोशल मीडिया पर कसा शिकंजा, 15 ट्विटर हैंडल और फेसबुक के खिलाफ FIR

Kanpur Violence: रिपोर्ट के मुताबिक, 15 ट्विटर हैंडल और फेसबुक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। पुलिस ने सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने के आरोप में यह केस दर्ज किया है। साथ ही पुलिस इन एकाउंट्स के एडमिन्स की तफ्तीश में जुट गई है।

नई दिल्ली। शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के कानपुर में जुमे की नमाज के बाद दो पक्षों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। जिसमें उपद्रवियों ने जमकर पत्थरबाजी भी की थी। इस हिंसा झड़प में करीब 40 लोग बुरी तरह से जख्मी हो गए थे। बता दें कि इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने सख्त कार्रवाई के आदेश दे चुकी है। मामले में पुलिस ने अबतक 35 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। वहीं कानपुर हिंसा का मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी को भी पुलिस अपने शिकंजे कस लिया है जिसके चैट से मामले को लेकर कई सारे खुलासे भी हुए है। मामले में तीन रिपोर्ट दर्ज की जा चुकी है। इसी बीच एक और एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने कानपुर हिंसा मामले में सोशल मीडिया पर भी शिकंजा कसा है। रिपोर्ट के मुताबिक, 15 ट्विटर हैंडल और फेसबुक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। पुलिस ने सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने के आरोप में यह केस दर्ज किया है। साथ ही पुलिस इन एकाउंट्स के एडमिन्स की तफ्तीश में जुट गई है।

kanpur riot 1

एफआईआर करने वालों के नाम इस प्रकार से है- जाबिर हुसैन यूजर आईडी (JabirHU77384802), अली मेहदी रिजवी यूजर आईडी (AlimehdiRizvi), गौशुल्लाह यूजर आईडी (ullahghaus), शौहेल कादरी यूजर आईडी (ShoaibK89544990), अमित सिंह यादव मोहबा द्वारा फेसबुक पर, एम अजमी यूजर आईडी (moinudd15175525), मुल्ला बुरहम यूजर आईडी (mullaburhan), शामल तबरेज कास्मी यूजर (ShamsTabrezQ)।

बता दें कि कानपुर हिंसा मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए हिंसा में संलिप्त 40 दंगाइयों की तस्वीर शेयर कर दी है। पुलिस को अभी इन सभी दंगाइयों की तलाश है। गौर करने वाली बात है कि इन तस्वीरों में सभी दंगाई हाथों में पत्थर लिए नजर आ रहे हैं। वहीं, पुलिस ने इन सभी आरोपियों की तस्वीरें साझा करने के साथ ही एक नंबर भी जारी किया है, जिसके जरिए अगर आप इन आरोपियों में से किसी  को भी जानते हैं, तो आप पुलिस को सूचित कर सकते हैं।

इसके अलावा यूपी पुलिस की तरफ से साफ स्पष्ट भी किया जा चुका है कि इन आरोपियों के संदर्भ में जानकारी देने वाले लोगों के नाम बिल्कुल गुप्त रखा जाएगा। बता दें कि इन तस्वीरों को सीसीटीवी फुटेज के जरिए चिन्हित किया गया है।